Anil writes from Betul

आजमाले आजमाले आज खुद को आजमाले , फिरता है तू कबसे ये दिल सम्हाले||    बोल क्यों ये लब(होंठ) पर रुके है, तेरे सजदे में झुके है,पल पल बिखरे है कितने उजाले(प्रेरणा), क्या करू क्या सोचता है,चैन दिल का ढूंढता है, अपनी किस्मत को जगा ले, बीच का पर्दा(खुद और खुद के बीच में) उठाले, […]