NC 2014 : स्वागत, वंदन, अभिनन्दन . . .

द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (टीसा) की चौथी नेशनल कांफ्रेन्स के शुभ अवसर पर पधार रहे सभी प्रतिभागियों का हम हार्दिक स्वागत करते हैं। एक दशक से भी कम समय की अपनी यात्रा में टीसा ने भारत में हकलाने वाले लोगों के जीवन को सहज और सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। […]

जीवन को आनन्द से वंचित कर देता है हकलाहट का डर

मेरा बचपन भी आम बच्चों की तरह था। ढेर सारे दोस्त और खूब सारी मस्ती। मुझे पतंग उड़ाने का बहुत शौक था। हम सभी दोस्त एक खुले मैदान पर जाकर पतंग उड़ाते थे। उस जमाने में 15 पैसे, 25 पैसे, 50 पैसे और 1 रूपए में सुंदर और रंग-बिरंगी पतंग मिलती थीं। पतंग के चक्कर […]

टीसा को हिन्दी में अपना योगदान दें!

भारत में पहली बार हकलाने वाले व्यक्तियों को हकलाहट के विषय में सही जानकारी, संचार/संवाद कौशल को बेहतर बनाने और जीवन को सकारात्मक, उर्जावान और सुंखमय बनाने के अभियान की शुरूआत डा. सत्येन्द्र श्रीवास्तव द्वारा द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (टीसा) के माध्यम से की गई है। आज इस मिशन में सैकड़ों हकलाने वाले साथी जुडकर […]

हर दिन हो हिन्दी दिवस!

Patrika Newspaper, Satna कहने को तो हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है, लेकिन इसके साथ सौतेला व्यवहार करने में लोग जरा भी नहीं हिचकते। कई महाशय बड़ी शान से कहते हैं अरे! मुझे हिन्दी नहीं आती! दुर्भाग्य से हिन्दी जानने, समझने और प्रयोग वाले व्यक्तियों को हेय दृष्टि से देखा जाता है।अफसोस, हमने ऐसे समाज का निर्माण […]

प्रभावकारी संचार (भाग – 2)

नमस्कार का चमत्कार पहली घटना – मैं 2007 में भोपाल स्थित एक अखबार में रिर्पोटर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा था। वहां की सम्पादक एक महिला थीं। उनका कार्य और व्यवहार बहुुत अच्छा था। हमेशा उनका सहयोग मिलता था। मैं हर दिन जब उनसे पहली बार मिलता तो “प्रणाम” कहता। एक बार उन्होंने […]

दुनिया को नहीं, अपनी सोच को बदलिए

4 साल पहले : मैं हकलाहट को लेकर बहुत परेंशान रहता था। हमेशा यह सोचता था कि हकलाने के कारण पूरा करियर चैपट हो गया। आफिस में, परिवार में, दोस्तों से और परिचितों से बेहतर संबंध नहीं बना रहा। मेरे पिताजी ही हकलाने के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि वे बचपन में मुझे डांटते थे। हकलाहट […]

प्रभावकारी संचार (भाग – 1)

नाम की महिमा नाम, हमारी पहचान है। हमारे जीवन और हमारे अस्तित्व को स्थापित करता है हमारा नाम। जब हम प्रभावकारी संवाद कौशल हासिल करना चाहें तो हमें नाम के महत्व को जानना और उचित समय पर अपने या दूसरों के नाम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि नाम का इस्तेमाल कब […]

जान बचाने के लिए पानी में उतरना ही पड़ता है !

पिछले 4 माह मेरे और परिवार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहे। पिताजी एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका इलाज जबलपुर स्थित एक अस्पताल में 2 माह तक चला।अचानक हम लोगों पर आई यह विपदा, बहुत ही दुःखद और मुश्किलोंभरी थी। पर समय के साथ-साथ सबकुछ हो गया, रास्ते अपने […]

गूगल हैंगआउट पर आनलाइन स्वयं सहायता समूह

इंरनेट पर आनलाइन स्वयं सहायता समूह की शुरूआत करने वाले विशाल गुप्ता ने बताया की गूगल हैंगआउट पर प्रतिदिन रात 10 बजे से बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मंगलवार से रविवार तक हकलाने वाले साथी भाग ले सकते हैं। श्री गुप्ता ने बताया की हर दिन बैठक के होस्ट अलग-अलग व्यक्ति होंगे। […]

Self-confidence बढाने के 10 तरीके

By Gopal Mishra इस  बात  से  कोई  इनकार  नहीं  कर  सकता की  जीवन  में  सफलता  पाने  के  लिए  self-confidence एक  बेहद  important quality है . जीवन  में  किसी मुकाम  पर  पहुंच  चुके  हर  एक  व्यक्ति में  आपको    ये quality दिख  जाएगी , फिर  चाहे  वो  कोई  film-star हो  , कोई  cricketer, आपके  पड़ोस  का  कोई  व्यक्ति , या  […]

कुछ ऐसे समय हैं जब चुप रहने में ही फायदा है

– ओशो अध्यात्मिक गुरु निराकार का क्या अर्थ होता है? जब भी अर्थ खोजने जाओगे, आकार का उपयोग करना पड़ेगा। निर्गुण का क्या अर्थ होता है? जब भी कोई परिभाषा पूछेगा, गुण को परिभाषा में लाना पड़ेगा। ऐसी निर्गुणता भी बड़ी नपुंसक है, जिसकी परिभाषा में गुण लाना पड़ता है! और ऐसे निराकार में क्या […]

अस्पताल में जीवन!

बीते 2 माह मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहे। पिताजी का 2 माह तक अस्पताल में इलाज चला। इस दौरान अस्पताल का नजारा रोज एक नया अनुभव होता। गंभीर बीमारी और दुर्घटना में घायल तरह-तरह के मरीज अस्पताल में रोज लाए जाते। आईसीयू में वेन्टीलेटर और आक्सीजन के सहारे जीवन के लिए […]

रविवार दिनांक 30-3-2014 को सुबह 9 बजे से 10 बजे तक हिंदी स्काइप कॉल का आयोजन।

दोस्तों, इस रविवार दिनांक 30-3-2014 को सुबह 9  बजे से 10 बजे तक हिंदी स्काइप कॉल का आयोजन हो रहा है। आप स्काइप पर लॉगिन करके इसमें भाग ले सकते हैं।मेरा स्काइप i.d. -abhi3561 email-abhikumar.bsnl2gmail.com Mobile: 9418002112

सब बोलना चाहते हैं, कोई किसी की सुनना नहीं चाहता!

आजकल न्यूज चैनल्स पर लोकसभा चुनाव से संबंधित विषयों पर डिबेट चल रहे हैं। इसमें कई पार्टियों के नेता, पत्रकार और विशेषज्ञ शामिल होते हैं। सब अपना मत, राय और विचार साझा करते हैं। जैसा कि अक्सर होता है कि दूसरे पक्ष की बात से सहमत नहीं होने पर टीवी शो के दौरान लोग आक्रामक […]

बोलने का मतलब, सब ठीक है ?

मेरे पिताजी को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए अब 40 दिन बीत गए हैं। इस दौरान मैंने एक बात पर गौर किया है। हर रिश्तेदार, पड़ोसी और परिचित जब भी मिलते हैं बस एक ही सवाल पूछते हैं – पापा, बोलने लगे क्या? मैंने इस बात पर चिंतन किया कि हमेशा लोग एक […]

Stammer dog को पालतू बनाइए।

मैं एक अजीब कुत्ते का मालिक हूँ।  कुत्ते का नाम हैं stammer dog। मालिक कहना शायद गलत हैं, क्योंकि जब मैं छोटा था तो यह कुत्ता मुझ पर थोपा गया था। यह कुत्ता हमेंशा मेरे साथ एक चिपकुकी तरह फिरता रहता था;  खासकर, जब भी मैं दुनियाके और लोगोंसे मिलने जाऊँ।  शायद वो मेरी बराबरी […]

टिकट काउन्टर पर हकलाहट !

2 दिन पहले मैं अपने 3 रिश्तेदारों के साथ रेल्वे स्टेशन गया। हमें सतना से जबलपुर जाना था। 2 नार्मल टिकट और 2 सीनियर सिटीजन की टिकट लेना था। तय हुआ कि मैं ही टिकट खरीदूंगा। मैं टिकट काउन्टर पर गया। वहां बैठे सज्जन को गंतव्य स्थान तक का टिकट देने का आग्रह करता रहा। […]

पुलिस स्टेशन पर हकलाने का अनुभव

10 फरवरी 2014 को शाम 5 बजे मैं घर पर अकेला था। उसी समय 2-3 अनजान युवक मेरे घर आए और कहा कि आपके पिताजी का रेल्वे कालोनी में एक्सीडेन्ट हो गया है। मैं तुरंत घर से भागा।जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा तो वहां कुछ नहीं दिखा। 2 पुलिसवाले मिल गए। मेरे पिताजी और मेरा […]