बोलने की रेस!

कल रात एक न्यूज चैनल पर डिबेट चल रहा था। राजनेता, पत्रकार और विषय विशेषज्ञ को शामिल किया गया। चर्चा शुरू होने के कुछ मिनट बाद सब लोग अपनी बात कहने के लिए आतुर हो उठै। कोई भी अपने मन की विपरीत बात सुनना नहीं चाह रहा था। बीच में व्यवधान खड़ा कर पहले मैं, […]

हकलाना नहीं, हक-लाना है!

फेसबुक पर हिन्दी के प्रसि़द्ध व्यंग्यकार अशोक चक्रधर से मैं जुड़ा हुआ हूं। पिछले दिनों मैंने उन्हें हकलाहट और टीसा की कोशिशों के बारे में जानकारी दी। उनका उत्तर आया- ‘‘आपको हक-लाना है। मेरी शुभकामनाएं।’’ मैं कई दिनों इस संदेश में छिपे अर्थ को समझने की कोशिश करता रहा। सोच-विचार के बाद समझ में आया […]

हकलाहट की शर्म!

आप हकलाहट की शर्म से आजाद होना शुरू कर दीजिए। सारी समस्या ही खत्म हो जाएगी। हम सब अपने जीवन से जुड़ी बातें छिपाने के अभ्यस्त हैं। बचपन से ही सिखाया जाता है कि उपर से जितना संभव हो सके खुद को अच्छा दिखाओ। घर पर कोई खास मेहमान आने वाले होते हैं तो विशेष […]

संवाद के लिए आमंत्रण

द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (टीसा ) के न्यूजलेटर संवाद का आगामी अंक अक्टूबर 2013 में प्रकाशित होगा।इस अंक में प्रकाशन के लिए आपकी रचनाएं सादर आमंत्रित हैं। आपके विचार, अनुभव, रोचक घटनाएं, कविता, कहानी, प्रेरणादायक प्रसंग आदि हिन्दी या इंग्लिश में 20 अगस्त 2013 तक हमें ई-मेल करें।सम्पर्क –   info@stammer.in 

महिला डाक्टर का आशीष अविस्मरणीय बन गया . . . !

बात अगस्त 2000 की है। मैं भोपाल में पढ़ता था। 12वीं कक्षा में। एक बार स्कूल से आने के बाद मुझे तेज बुखार आया। अपने घर में काम करने वाले सहायक के साथ मैं पास के सरकारी अस्पपाल पर गया। शाम के समय एक महिला डाक्टर ड्यूटी पर थीं। उन्होंने मेरी समस्या सुनकर पर्ची पर […]

चुनौतीपूर्ण समय में हकलाहट पर नियंत्रण!

हम सब अक्सर एक सामान्य रूटीन में अपना जीवन व्यतीत करते है। सुबह से लेकर रात तक हमारी दिनचर्या हर दिन एक समान रहती है। क्या कभी आपने इससे बाहर निकलकर अपनी स्पीच पर आए प्रभाव पर गौर किया है? क्या आपको यह अहसास हुआ कि मुश्किल या चुनौतीपूर्ण हालातों में आपकी स्पीच डगमगा जाती […]

हकलाने वाले युवक की सच्ची कहानी

उलझन!कब तक घर पर बैठे-बेठे खाओगे? कुछ काम क्यों नहीं करते? अतुल जैसे ही भोजन की थाली पर बैठा, उसी समय अपनी मां के इस कर्कश वाक्य को सुनकर मौन रह गया! रातभर करवट बदलता रहा। आंखों से नींद गायब थी। रह-रहकर मां का वह कटु शब्द अतुल के कानों पर गूंज रहा था। कुछ […]

कार्यशाला का चमत्कार!

– अनिल गुहार, बैतूल, मध्यप्रदेश साथियों मैं टीसा का नया सदस्य हूं। पहली बार अप्रैल 2013 में हरबर्टपुर पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुआ। कार्यशाला से मुझे क्या-क्या फायदे हुए और कार्यशाला ने मेरे जीवन में क्या-क्या परिवर्तन किए इसे मैं कुछ बिन्दुओं में सहेजना चाहता हूं:-1. टीसा की कार्यशाला में हकलाने वाले कई लोगों […]

टीसा देता है जीवन को नया आधार

– जितेंदर गुप्ता, नई दिल्ली मुझे टीसा से जुड़े हुए लगभग 2 साल बीतने वाले हैं। इस दौरान मैंने टीसा के दिल्ली स्वयं सहायता समूह में सक्रिय सहभागिता की, कई इवेन्ट्स में शामिल हुआ और अन्य हकलाने वाले सदस्यों के सतत सम्पर्क में रहा। पहले मैं हकलाहट को लेकर निराश, हताश रहता था। हमेशा चिन्ता में डूबा […]

ऑनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक सम्पन्न

टीसा के ऑनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक रविवार 7 जुलाई को स्काइप पर सम्पन्न हुई। इस बैठक में दिनेश सिंह बैंगलौर, अभिषेक कुमार शिमला, प्रेमदीप दिल्ली, विनोद कुमार दिल्ली और अमितसिंह कुशवाह मध्यप्रदेश शामिल हुए। औपचारिक परिचय के बाद बैठक की शुरूआत स्टोरी टेलिंग से हुई। प्रेमदीप ने तीन दोस्तों की एक कहानी की प्रास्तावना रखी। […]

आंसू . . . !

– गौरव दत्त (यमुना नगर, हरियाणा ) दर्द इतना है सीने में कि ये आंसू रूकते नहीं, जितनी भी कोशिश कर लो, ये बहते मोती थमते नहीं, न जाने कब से कैद हैं आंसू मेरे दिल में, बस, बाहर निकलने की वजह ढूढ़ा करते हैं, गुमसुम और तन्हा है ये जिन्दगी, एक नई राह तलाशा […]

आपके एक-दो शब्द हकलाने पर एफिल टावर नहीं गिरेगा. . . !

By Pradeep Parmar, (Surednra Nagar, Gujarat) मेरा नाम प्रदीप परमार है। आयु 30 वर्ष। गुजरात के सुरेन्द्रनगर में रहता हू। पिछले 6 साल से जाब कर रहा हूं। मुझे बचपन से हकलाहट थी। हकलाहट का अहसास 16 वर्ष की उम्र में हुआ। धीरे-धीरे हकलाहट मुझ पर हावी होने लगी। मैं जितना इसे छिपाने की कोशिश […]

ऑनलाइन एसएचजी की बैठक सम्पन्न

टीसा के आनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक रविवार 30 जून 2013 को स्काइप पर आयोजित की गई। बैठक में असद इकबाल, विनोद कुमार और अमितसिंह कुशवाह शामिल हुए। असद इकबाल ने बताया की टीसा से जुड़ने के बाद हकलाहट के बारे में नई जानकारी मिली। खासकर वालेन्टरी स्टैमरिंग बहुत ही रोचक है। हाल ही […]

सही स्पीच थैरेपिस्ट का चुनाव कैसे करें?

हकलाने वाला व्यक्ति हमेशा इस बात को लेकर परेशान रहता है कि वह इलाज के लिए कहां जाए? दुर्भाग्यवश इंटरनेट और मीडिया पर हकलाहकट के बारे में अधिकतर जानकारी भ्रामक और असत्य मिलती है। इधर हाल के वर्षों में कुछ फर्जी और अयोग्य स्पीच थैरेपिस्ट ने धन कमाने के लिए हकलाहट को क्योर करने का […]

आनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक 30 जून 2013 को सुबह 9.00 बजे

टीसा के आनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक आगामी रविवार, 30 जून, 2013 को सुबह 9.00 बजे से स्काइप पर होगी। आप सब सादर आमंत्रित हैं। Skpye ID : amit.singh61982– अमितसिंह कुशवाह मो. 09300939758

मैं और मेरी हकलाहट . . . !

 By Anil Guhar, Baitul (M.P.)वैसे देखा जाये तो हकलाना बचपन में ही शुरू होता है| उसी प्रकार मेरा भी हकलाना बचपन में शुरू हो गया था सही मायने में कहा जाये की वो अटकना था जो की आज भी जारी है| कारण कई सारे हो सकते है जैसे हर बच्चे आपस में ऊँचे स्थान से […]

हकलाहट के डर से करता था क्लास बंक – विनोदकुमार

‘‘स्कूल में हिन्दी की क्लास में बुक पढ़ते समय मैं हकलाने लगा। मैं डर गया की टीचर मुझे स्कूल से न निकलवा दे? अगर ऐसा हुआ तो घर पर पापा बहुत डांटेंगें।” यह बात शेयर की शिमला, हिमाचल प्रदेश से अभिषेक ने। वे रविवार को टीसा के आनलाइन स्वयं सहायता समूह में हकलाहट पर बचपन […]

आनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक 23 जून 2013

टीसा के आनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक आगामी रविवार, 23 जून, 2013 को सुबह 8.00 बजे से स्काइप पर होगी। एजेन्डा -1. संक्षिप्त परिचय। 2. बचपन में हकलाहट के अनुभव पर चर्चा। 3. किसी भी विषय पर 5-5 मिनट की स्पीच। 4. हकलाहट को स्वीकार करने पर आए बदलाव पर बातचीत। Skpye ID : […]

धीरेश बने सब इंस्पेक्टर

द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (टीसा) के इंदौर स्वयं सहायता समूह के सक्रिय सदस्य रहे धीरेश धारवाल मध्यप्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं। मध्यप्रदेश के धार जिले के एक छोटे से गांव में किसान परिवार में जन्मे श्री धारवाल ने इंदौर से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। सब इंस्पेक्टर की […]

हकलाहट की यात्रा

मैं किशोरावस्था से हकलाहट को लेकर काफी परेशान रहने लगा था। उस समय इंटरनेट का चलन नहीं था। अखबारों में हकलाने के बारे में जो पढ़ा उसे सही मानकर चलता रहा। मैंने हकलाहट को ठीक करने के लिए टोटके, दवाई या अंधविश्वास का सहारा नहीं लिया। कहीं पढ़ा कि बच्चों को डांटने के कारण हकलाहट […]