सभी को Jaipur SHG कि ऒर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ! हमारी ओर से नये साल की ढेर सारी मंगल कामनाएं !
यह
रविवार सर्दी के अब तक के सभी दिनों में से सबसे ठंडा दिन था लेकिन फिर
भी अच्छी धूप खिली हुई थी। मुझे सेंट्रल पार्क पहुंचने में पैदल 20 मिनट
लगते है तो मैं पैदल ही निकल पड़ा। हमने दोपहर 2 बजे मिलना तय किया हुआ था।
सौम्या
समय से पहले ही पहुंच चुकी थी और मैडिटेशन कर रही थी। मैं और रवि कांत जी
थोड़े देरी से पहुंचे। सुनील भी हमारे पीछे-पीछे पहुंच गया। इस प्रकार हमारी
गिनती 4 हो गयी। हम सभी ने एक-दूसरे का अभिवादन किया और एक वृताकार घेरा
बनाकर बैठ गये।
हम चारों बहुत समय से एक साथ नहीं मिले थे
तो पहले एक-दूसरे के अच्छी तरह से हालचाल पूछे। इसी बीच हमने अपने पिछले
कुछ सप्ताह के अनुभव बांटे। सौम्या ने बताया की उसे कुछ दिनों पहले थोड़ा
बुखार था और वह कुछ दिनों से ध्यान लगाने का अभ्यास कर रही है। उसने ये भी
बताया कि ध्यान लगाने के दौरान शुरू मैं कैसा लगता है। रवि कांत जी ने भी
थोड़ा ध्यान लगाने के बारे मैं बताया और बताया कि अभी कुछ दिनों से अपनी
फिटनेस पर ध्यान दे रहें हैं तो मैंने भी उनके 100 साल जीने के बारे में
थोड़ा मसखरा कर दिया। सुनील ने बताया कि वह प्रतियोगिता परीक्षा के लिए
तैयारी कर रहा है। मैंने भी बताया कि 2016 के पहले दिन किसी के लिए रक्त
दान करने से बड़ी ख़ुशी मेरे लिए क्या हो सकती है और अभी तक नया साल बहुत
अच्छा बीत रहा है।
इसके बाद कुछ विचारों के आदान-प्रदान
के बाद रवि कांत जी ने acceptance के बारे में बताया और बताया कि
acceptance का मतलब यह मान लेना भी नहीं होता कि अब मैं बिलकुल नहीं
हकलाउंगा।।
सच बताऊँ तो यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी क्योंकि मैं खुद
भी बहुत सी बार यह मानकर बात करने लग जाता हूँ कि अब तो acceptance आ गयी
है तो मैं नही हकलाउंगा और मैं हकला जाता हूँ और मैं अपने आप को कुछ असहज
सा महसूस करने लग जाता हूँ।
रवि कांत जी ने सचिन सर के
कुछ विचार भी साझा किये। इसी बीच हम विपासना के बारे में भी चर्चा करने
लगे। मैंने सुनील से यह भी जाना की विपासना से कैसे जुड़ा जाता है,
कहाँ-कहाँ इसके केंद्र हैं और वहाँ क्या-क्या होता है। इस दौरान मुझे
विपासना के कुछ रोचक और अनछुए पहलुओं के बारे में भी जानकारी मिली।
रवि
कांत जी के कहने पर हमने कुछ एक्टिविटी करने का सोचा। फिर सौम्या के सुझाव
से हमने अपना हाथ जग्गनाथ किताब का टेक्निक्स के साथ पढ़ने का विचार किया।
फिर बारी-बारी से सभी ने पढ़ा और किताब के अंदर दिए हुए सुझाओं पर भी चर्चा
की। सौम्या ने हमारे साथ कुछ फ्रूट्स भी शेयर किये।
शाम
के 5 बजकर कुछ मिनट्स हो चुके थे और थोड़ी-थोड़ी सर्दी भी बढ़ने लगी थी तो हम
सब ने चलने का विचार किया। मैं भी पूरे उत्साह के साथ और मन में कुछ
विचारों को बुनते हुए अपने निवास स्थान की ओर निकल पड़ा। रस्ते मैं एक
ख्याल आया कि TISA ने मुझे पॉजिटिव और नेगेटिव में अन्तर करना तो सीखा दिया
है।
धन्यवाद !
अनुराग तेतरवाल
7611981192
anuragtetarwal@gmail.com
Blog – (TISA – Jaipur Self Help Group)
2 thoughts on “Jaipur SHG Report 17/01/2016”
Sachin
(January 20, 2016 - 3:16 am)हिंदी में इतना अच्छा विवरण पढ़ कर मन खुश हो गया..
अगर अन्य भारतीय भाषाओँ में भी ऐसे ही रिपोर्ट्स लिखी जाती तो मुझे लगता है कि हमारी पहुँच ऐसे बहुत से लोगो तक हो पाती जो शायद अंग्रेजी में बहुत सहज नहीं हैं – और हमारे पोस्ट देख कर सोचते होंगे की एस एच जी में भी हम अंग्रेजी का ही प्रयोग करते होंगे..?!
चलो, उम्मीद है की हम धीरे धीरे उस दिशा में बढ़ रहे हैं.. जयपुर के सभी साथियों को ढेर सी शुभकामनाएं देहरादून से..
admin
(January 23, 2016 - 2:55 pm)बहुत अच्छा अनुराग…आप में ये चुप्पा हुआ talent होगा ये हमें पता नही था
आज से आप हमारे official blog writer हो जयपुर SHG के…
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