Dr Chandraprakash from Jaipur SHG has translated the last chapter of AHJ! Congrats! I am sharing it here. Ignore the short comings. Just enjoy reading it. We encourage these attempts by users to promote engagement with AHJ and self help activities.
प्रिय पाठकों , इस पुस्तिका ने बहुत विचार दिए होगे , परंतु आप इसे कही से भी शुरू कर सकते है ।
यहाँ व्यवस्थित रूप से देखने के सुझाव है-
1.अब : टीसा समूह को ईमेल भेजे
या स्वयं सहायता समूह(SHG) के सदस्य बनने के लिए तलाश करे । IPWS yahoo
chat group पर परिचयात्मक प्रविष्टि छोडे । अपनी लघु कहानी tisa blog पर
पोस्ट करे । (थेरेपी अनुभव आदि).
2. अगले दो सप्ताह : अध्याय 1-4 को
कई बार पढे । कुछ या सभी क्रियाकलाप स्वयं करे , बाद मे SHG या दोस्त के
साथ करे । इन अध्यायो को बार बार देखते रहे , जिससे उत्तम अभ्यास हो ।
3.
अगले एक महीने : निजी जार्नल (पत्रिका) या ब्लोग या IPWS yahoo chat group
मे नियमित रूप से लिखना शुरू करे।दूसरे PWS को दूरभाष करे या टीसा द्वारा
व्यवस्थित Skype कोन्फ्रेस काल से जुड़े , SHG मे नियमित रूप से भाग ले ।
सक्रिय होकर सुनना , ठहराव , लम्बा खीँचना , उछालना आदि का विभिन्न
स्थितियों मे अभ्यास करे जैसे -गली मे ,SHG मे , फोन पर आदि । अपने अनुभवों
को ब्लोग पर लिखे ।
5. लगभग तीन महीने बाद : अध्याय 7-9 पढे । कुछ
दिन बाद सँपूर्ण पुस्तिका दुबारा पढे और पुरानी अवधारणाओँ को दुबारा करे ।
विपास्सना या ब्रह्मविद्या या कोई अन्य ध्यान के कोर्स मे भाग लेवे ।
इसे हो सके उतनी बार दोहराएँ ।
6. छः महीने बाद : नयी चुनौतियाँ ले। दूसरे PWS को शिक्षा दे या कोई ओर की सेवा व सहायता करे ।
विशेष
अतिथि के परिचय मे जाम उठाने वाला , या कोई सार्वजनिक वक्ता क्लब या
आत्मविकास कोर्स से जुड़े । अपने शहर या कार्यस्थल पर SHG शुरू करे । अपनी
आत्मकथा लिखे । ओनलाईन ISAD, कोन्फ्रेस मे पेपर जमा करे ।
7. इसके बाद : आपके दिल के करीब सामाजिक कारण से जुड़े , जीवन मे सीखें अध्यायो को लिखित या मौखिक रूप से साझा करे ।
2 thoughts on “AHJ Hindi translation from Users”
admin
(July 1, 2015 - 9:14 am)Nice. I would like to contribute too and try my hand at translating few chapters. 🙂
Sachin
(July 1, 2015 - 12:26 pm)Tanveer – go ahead….
While at it, feel free to put in your ideas in,too..
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