भोपाल कार्यशाला के खट्टे-मीठे अनुभव…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरूण प्रताप सिंह है। मैं उत्तरप्रदेश के फरूखाबाद जिले का रहने वाला हूं। भोपाल में यह मेरी तीसरी वर्कशाॅप थी। मैं बचपन से हकलाता हूं। भोपाल के लिए मेरी यात्रा की शुरूआत आगरा शहर से हुई। इस शहर में मुझे खट्टे-मीठे अनुभव हुए। आगरा पहुंचकर सबसे पहले मैं अपने काॅलेज गया […]

टीसा ने बदली मेरी तस्वीर…

मेरा नाम राकेश जायसवाल है मेरी उम्र 26 वर्ष है और मै एक इण्टर कालेज मे सरकारी अध्यापक के पद पर कार्यरत हूं। मै मूलरूप से फैजाबाद उ० प्र० का रहने वाला हूं। मै हमेशा से अपने अनुभव और विचार आप  लोगों से साझा करना चाहता था पर हमेशा इसी उधेडबुन मे रहता था कि […]

भोपाल संचार कार्यशाला: स्वीकार्यता को मिला नया आयाम

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगदीश मेवाड़ा है। मैं भोपाल में रहता हूं। मैंने हाल ही में 17-18 फरवरी 2018 को भोपाल में तीसा की संचार कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला में मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा। कार्यशाला में मैंने सीखा की हकलाहट को छिपाने से बेहतर है, हम उसे स्वीकार करें और आगे बढ़ें। […]

TISA Bhopal workshop experience

My name is M.K.HARSH and I am from Bhopal(M.P),India .My age is 19 and i am a severe stammerer and have been stammering from last 17 years . This was my first TISA workshop. Initially I was in dilemma whether to attend the workshop because I had taken speech therapy from bhopal but with zero […]

भोपाल में वर्कशॉप (17-18 फरवरी. 2018)

द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (तीसा) अपनी यात्रा में एक नए पड़ाव पर आप सबको आमंत्रित करता है। झीलों की नगरी एवं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तीसा की 2 दिवसीय संचार कार्यशाला आयोजित हो रही है। Dates 17 एवं 18 फरवरी 2018 (शनिवार/रविवार) Venue स्मृति स्टार होटल (3 Star Hotel), 35, जोन-2, एमपी नगर, भोपाल-462011 […]

NC 2017 : जहां हकलाने पर मिलती हैं तालियां

एक हॉल में 80 लोग बैठे हुए हैं। 15 साल का एक किशोर मंच पर आकर माईक थामकर अपना नाम बताने की कोशिश करता हुआ… ह-ह-ह… लेकिन अटक जाता है, एक बार फिर प्रयास करता है ह-ह-ह- हरमन सिंह। सामने बैठे हुए लोग हरमन के हकलाने पर तालियां बजाकर उसका स्वागत करते हैं। आमतौर पर […]

अनचाही परिस्थितियों को नकारना ही बेहतर रास्ता है

हकलाना- सच कहें तो यह एक व्यक्तिगत मामला है। जब कोई व्यक्ति बोलने के लिए लगातार संघर्ष करने के बाद ही ठीक तरह से समझने लायक न बोल पाए तो ऐसी स्थिति में सुनने वाले लोगों की प्रतिक्रिया हकलाहट को एक सामाजिक मुद्दा बना देती है। अक्सर हकलाने वाले व्यक्ति की पीड़ा होती है कि […]

कौन कहता है – एक सच

कई बार जीवन की गहराईयो में हम ये पता नहीं लगा पाते की कौन कहता है की ये सच है या वो सच है – आशा करता हु इस लाइन से आप बहुत भ्रमित हो गए होंगे तो बात को थोड़ा और अचे से समझाता हु ! हम अपने जीवन में जो करना चाहते है […]

बदलाव

अक्सर हमारा मन तैयार नहीं होता बदलाव के लिए एक अनचाहा भय महसूस होता है अपनी काबिलियत पर अपने हुनर पर और अपने आप पर इसलिए हम बचते रहते हैं बदलावों से झेलते रहते हैं कुंठा और निराशा जिन्दगी में अपनी विफलताओं के लिए दोष देते रहते हैं दूसरों को हम नहीं समझ पाते अपने […]

पापा, आप महान हैं!

इस दुनिया में मां पर बहुत कुछ कहा गया लिख गया और महसूस किया गया, पर पिता रहे हमेशा उपेक्षित, मुझे याद आता है मेरा बचपन जब पिता तेज बारिश में बुखार होने पर मुझे अपनी गोद पर उठाकर, छाता लगाए हुए अस्पताल लेकर गए थे! मैं नहीं भूल पाता वह दिन जब एक बार […]

जीवन का आनन्द

किसी समय मैं एक दवा कम्पनी में काम करता था। मुझे चिकित्सकों से मिलना होता था। दवाईयों के विषय में प्रतिक्रिया जानता था। डाॅक्टर्स से एक निश्चित दिन और समय पर मुलाकात हो पाती थी। इस दौरान मिले अनुभवों ने मुझे जिन्दगी के बारे में नई चीजें सीखने का अवसर दिया। बस स्टैण्ड पर बैठकर […]

मैंगलोर में संचार कार्यशाला सम्पन्न

सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के शहर मैंगलोर में द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (तीसा) की 3 दिवसीय संचार कार्यशाला का आयोजन किया गया। हकलाने वाले लोगों के लिए यह कार्यशाला 16 से 18 जून 2017 तक आयोजित की हुई। कार्यशाला मैंगलोर के साथ ही मुम्बई, गोवा, हैदराबाद, बैंगलुरू, पुणे, इंदौर और देहरादून के प्रतिभागियों ने शिकरत […]

पहल करने से मिलते हैं अवसर…

मैं अक्सर सोचता था- हर बार मुझे ही पहल क्यों करनी पड़ती है? पड़ोसी हो या आॅफिस के सहकर्मी हमेशा मुझे आगे होकर नमस्ते क्यों करना पड़ता है? हर बार मैं ही लोगों को फोन क्यों करूं? हर त्यौहार पर मैं ही लोगों को एसएमएस कब तक करता रहूंगा? इस तरह के सवाल अक्सर मुझे […]

किसी भी कमजोरी से उभरने के लिए आप खुद के लिए एक बेहतर टीचर हैं – सूरज पंचोली

अभिनेता सूरज पंचोली भी बचपन में हकलाते थे. जनसत्ता में उनका एक बहुत ही प्रेरणादायी इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है. बॉलीवुड में फिल्म हीरो से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता सूरज पंचोली ने अपने बचपन की एक कमजोरी को सबके सामने जाहिर किया। हालांकि आज वो उस कमजोरी पर काबू पा चुके हैं। जी हां, […]

कठिन शब्दों से करें दोस्ती

अब तक मैं इस गलतफहमी में जी रहा था कि हकलाने के बावजूद भी संतोषजनक तरीके से संचार कर पाता हूं। जब मैं अप्रैल 2017 में दिल्ली में आयोजित तीसा की संचार कार्यशाला में शामिल हुआ, तो वहां कई गतिविधियों में शामिल होकर मुझे अहसास हुआ कि अब भी मैं अपनी हकलाहट को छिपाने की […]

भोपाल में स्वयं सहायता समूह की पहली बैठक

मध्यप्रदेश की राजधानी एवं झीलों की नगरी भोपाल में द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (तीसा) के स्वयं सहायाता समूह की पहली बैठक 29 अप्रैल 2017 को आयोजित की गई। अरेरा हिल्स स्थित शौर्य स्मारक पार्क में बैठक में भोपाल स्वयं सहायता समूह के सदस्य विकास पाटले, कैलाश नेवरे, जगदीश मेवाड़ा और विशेष अतिथि अमित सिंह कुशवाह […]

दिल्ली संचार कार्यशाला: अनजान लोगों से बातचीत का अनुभव

पहले दिन कार्यशाला की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद मैं अनजान लोगों से बातचीत करने की गतिविधि के लिए बाहर आया। आसमान में बादल थे और बीच-बीच में हल्की हवा चल रही थी। मेरे समूह के सभी लोग पहले ही जा चुके थे, मैं अकेला था। गतिविधि के अनुसार पर्ची पर लिखा हुआ पता खोजना […]

दिल्ली संचार कार्यशाला: एक कदम सपनों को हकीकत में बदलने की ओर . . .

देश की राजधानी नईदिल्ली में द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (तीसा) की 2 दिवसीय संचार कार्यशाला 22 एवं 23 अप्रैल 2017 को आयोजित की गई। होटल एसपीबी 87 पर हुई इस कार्यशाला में देशभर के 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों में प्रमुख रूप से गरिमा, जगदीश मेवाड़ा, रामनिवास मीणा, ब्रजेश फौजदार, वरूण प्रताप सिंह, साहिल […]

हमारी सोचबन्दी!

देश में शराबन्दी, नोटबन्दी और रोमियोबन्दी शब्द सुनने के बाद एक नया शब्द मेरे सामने आया है – हमारी सोचबन्दी। एक दिन टीवी चैनल पर जैन धर्मगुरू ने बहुत सुन्दर बात कही- आज हर व्यक्ति राजनीति का मास्टर है। मोदी जी को ऐसा नहीं करना चाहिए, मोदी जी को वैसा नहीं करना था। अरे! आप […]

2 गलतफहियां और तीसा की नीति

द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (तीसा) के मंच पर कुछ नए सवाल उभरकर सामने आएं हैं। लोगों को कुछ गलफहमियां हैं। यहां हम ऐसी ही 2 गलतफहमियों के बारे में अपनी राय स्पष्ट कर रहे हैं। गलतफहमी 1 : क्या तीसा स्पीच थैरेपिस्ट को नापसंद करता है? तीसा की नीति: तीसा का किसी भी स्पीच थैरेपिस्ट […]