गोवा नेशनल कांफ्रेन्स 2016: मन की बातें…

मेरा नाम भावना पाटिल है। मैं तीसा के मुम्बई स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हूं। गोवा में सितम्बर, 2016 में तीसा की नेशनल कांफ्रेन्स का आयोजन होने जा रहा था। मैं इसको लेकर बेचैन और तनाव में थी। यह पहला मौका था जब मैं तीसा की नेशनल कांफ्रेन्स में शामिल होने जा रही थी। […]

my journey -2

हेल्लो दोस्तों , मै अपना कल का अनुभव शेयर करना चाहता हूँ।  कल मै अपने दोस्तों के साथ दंगल मूवी देखने गया।  हमारे व्हाट्सप ग्रुप पर पहले से किसी ने पोस्ट किया था कि दंगल मूवी में हकलाने को लेकर एक सीन है तो मेरा सारा ध्यान उसी सीन पर चला गया।  जब तक वो […]

नव वर्ष 2017

तीसा के सभी साथिओं को नया वर्ष 2017 मंगलमय हो. नया साल संदेसा लाए, घर भर की खुशहाली का, इसका हर दिन बीते ऐसे, जैसे दिवस दिवाली का…

My journey-1

हैलो दोस्तों , मैंने आज काफी सोच विचार के बाद यह निश्चय किया कि अब मै अपनी सभी पोस्ट हिंदी में ही लिखूंगा ताकि मेरी बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सके क्योंकि इंडिया में जो लोग इंग्लिश जानते है वे हिंदी भी जानते ही होंगे परन्तु जो लोग हिंदी जानते है जरूरी नही […]

स्वयं सहायता के लिए समर्पण जरूरी

स्वयं सहायता यानी अपनी मदद खुद करना। हमारे जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना हर व्यक्ति को करना होता है। ऐसी स्थिति में कई बार हम दूसरों की मदद लेते है, तो कभी खुद ही कदम उठाते हैं। सुबह 5 बजे जब अधिकतर लोग गहरी नींद में सो रहे हो, तब एक व्यक्ति प्राणायाम, योग […]

मेरी कहानी

नमस्कार मित्रों! मैं प्रसन्नजीत, एम.टेक. का छात्र हूं। यहां आप सब लोगों से हकलाहट की स्वीकार्यता पर अपने अनुभव साझा करने जा रहा हूं। मेरी जीवन में हकलाहट की शुरूआत बचपन में हुई। दादाजी बताया करते थे कि अपनी आंटी की नकल करते-करते मैं खुद हकलाने लगा। कक्षा दसवीं तक हकलाहट बहुत कम थी। यहां […]

हकलाहट को छिपाएं नहीं, खुलकर बात करने से मिलेगा समाधान…

बैंगलोर में टीसा के स्वयं सहायता समूह के शुरूआती दिनों से ही नवीन हमारे साथ जुड़े रहे हैं। मुझे अच्छी तरह याद है जब पहली बैठक में नवीन को धाराप्रवाह बोलते हुए देखकर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ था। नवीन ने अपने अनुभव साझा करते हुए हमें बताया की जब वे सातवीं कक्षा में थे, […]

Goa NC 2016 : आत्मविश्वास के समुन्दर का जादू…

गो-गो-गोवा… कहने को तो यह एक जगह का नाम है, लेकिन उन लोगों के लिए आत्मविश्वास के समुन्दर में गोता लगाने का सुखद अहसास कराता है, जिन्होंने 16-18 सितम्बर, 2016 तक टीसा द्वारा आयोजित नेशनल कान्फ्रेन्स में भागीदारी की। 3 दिवसीय हकलाने वाले व्यक्तियों के महाकुंभ से लौटने के बाद मैंने अपने अन्दर एक आनन्दमय […]

हकलाहट बनाम विकलांगता (Stammering V/s Disability)

हकलाहट से संघर्ष के दौरान अक्सर मैं सोचता और कहता था- मेरी हकलाहट से विकलांगता की तरह है। मुझे भी विकलांगों की तरह तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई लोगों ने सुझाव दिया- तुम विकलांगता का सर्टिफिकेट क्यों नहीं बनवा लेते? तुमने अभी तक विलांगता का प्रमाण पत्र बनवाया या नहीं? इस तरह […]

हकलाहट पर वर्क करना नई भाषा सीखने जैसा है!

एक विज्ञापन : 60 घंटों में अंग्रेजी बोलना सीखें। 100 प्रतिषत गांरटी के साथ। असर : अंग्रेजी बोलना सीखने की चाह रखने वाले कई युवा इस तरह के विज्ञापन में किए गए दावों से आकर्षिक होकर इंग्लिष कोचिंग जाना शुरू करते हैं। कई बार, कई सालों तक और कई कोचिंग सेन्टर पर जाकर अंग्रेजी सीखने […]

हकलाने वाले लोगों से कैसे बातचीत करें?

मलयालम फिल्म Su.. Su… Sudhi Vathmeekam में एक रोचक दृश्य है. मुख्य अभिनेता सुधी एक दुकान में जाकर अंडा (मलयालम में कोझीमुट्टा) खरीदने की कोशिश करता है, लेकिन अंत में गोभी लेना पड़ता है. यह दृश्य हकलाने वाले व्यक्तिओं की समस्याओं को अच्छी तरह से दर्शकों को परिचित करवाता है. दृश्य में दुकानदार जल्दी में […]

अभी तो मैं चलना सीख रहा हूं।

पिछला सप्ताह मेरे लिए बहुत व्यस्त और चुनौतीपूर्ण रहा। 3 दिन लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करवाने की जिम्मेदारी मेरी थी। यह ट्रेनिंग विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए थी। ऐसे अभिभावक जो बहुत गरीब है, मजदूर हैं, गांवों में रहते हैं, जिनके पास रोजी-रोटी का एक ही साधन है, खेतों पर काम करना। […]

हम दूसरों की नक़ल क्यों करें?

प्रसिद्ध दार्शनिक बर्नार्ड रसेल ने एक खूबसूरत बात कही है – “कई लोग नाकाम होते हैं, क्योंकि वे दूसरों की नक़ल करते हैं, जबकि जिंदगी की परीक्षा में हर व्यक्ति को अलग प्रश्न पत्र मिलता है.” आज हम लोग दूसरों की नक़ल करने की दौड़ में काफी आगे निकलते जा रहे हैं, खुद को भुलाकर. […]

अनुवाद : अचानक बुरे दौर की वापसी…

मैं पिछले 6-7 महीनों से तीसा के एक स्वयं सहायता समूह का सदस्य था. बैंगलोर के स्वयं सहायता समूह में मुझे अपने बोलने की छमता को और अधिक निखारने का मौका मिला, जिसके बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था. दिसंबर 2016 में जीवन का पहला भाषण देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. लगभग 20 […]

स्वीकार्यता पर एक पुस्तक : अध्याय 4 – संघर्ष से मुक्ति

संघर्ष से मुक्ति स्वीकार्यता हमें सिखाती है कि अब हकलाहट से संघर्ष करने की जरूरत नहीं। समय आ गया है कि आप हकलाहट को समझे, हकलाहट से दोस्ती करें, हकलाहट से प्यार करें। जब आप ऐसा करेंगे तो पाएंगे कि अब तक हकलाहट के साथ आपके संघर्ष का कोई मतलब नहीं था। हकलाहट को सहजता […]

स्वीकार्यता पर एक पुस्तक : अध्याय 3 – दूर होंगी सारी बाधाएं

दूर होंगी सारी बाधाएं हकलाहट को स्वीकार करने के बाद सारी बाधाएं खुद ब खुद खत्म होने लगती हैं। हकलाने का डर, शर्म और दुःख गायब हो जाते हैं। जब आप दूसरों के सामने हकलाहट को स्वीकार कर लेते हैं, उनसे हकलाहट के बारे में बातचीत करते हैं, तो आप पाते हैं कि दूसरे लोग […]

स्वीकार्यता पर एक पुस्तक : अध्याय 2 स्वीकार्यता का मतलब?

स्वीकार्यता का मतलब?    स्वीकार्यता का मतलब यह है कि जो है, जैसा है, अब तक जीवन में जो कुछ बुरा हुआ, उसे स्वीकार करते हुए आप आगे बढ़ना चाहते हैं, अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। इसमें स्वयं सहायता समूह काफी अहम् भूमिका निभाता है। अपने जीवन के कई साल हर हकलाने वाला […]

स्वीकार्यता पर एक पुस्तक : अध्याय 1. स्वीकार्यता – हमारे अन्दर

साथियों, स्वीकार्यता पर मैंने एक छोटी पुस्तक लिखने का विचार किया था, और आज यह साकार रूप ले रहा है। पुस्तक का शीर्षक – “स्वीकार्यता, एक खुला आसमान” है। यहां किताब का पहला अध्याय आपसे साझा कर रहा हूं। पुस्तक को अधिक उपयोगी, रोचक एवं पठनीय बनाने के लिए अपने सुझाव और प्रतिक्रिया देने का […]

Must Read : सही सुनने से बदल सकता है जीवन।

19 अक्टूबर, 2015 के दैनिक भास्कर न्यूजपेपर में एक लेख प्रकाशित हुआ है। लेख का शीर्षक है – सही सुनने से बदल सकता है जीवन। सच में सही तरीके से और धैर्य से सुनना हमारे लिए बहुत जरूरी है। सुनना हमारे संचार के लिए तो जरूरी है ही यह हमारी जीवन की प्रगति के द्वार […]

पिंक सिटी जयपुर SHG मीटिंग रिपोर्ट 27/09/2015

यह रविवार भी एक सा-सा-साधारण दिन की तरह था। रविवार को मैं सुबह ही बाहर निकल जाता हूँ क्योंकि कुछ जरूरी कार्य रविवार को ही होते हैं। यह आपको कुछ अजीब लगेगा लेकिन मैं केवल र-रविवार को ही व्यस्त रहता हूँ।मैं 3 बजकर 30 मिनट पर सेंट्रल पार्क, जयपुर पहुंचा। रस्ते मैं मुझे जयपुर SHG […]