Kya hua agar me hakla hu..


आज फिर ज़िंदगी जीतने निकला हु,
क्या हुअ अगर में हकला हु.

आवाज़ मेरी कमज़ोर सही , इरादे मेरे फौलादी है ,
ज़ुबान मेरी लाचार सही , कलम  मेरी तलवार है।

चल पड़ा हु ज़िन्दगी के पथ पे , होके निडर,
मेहनत करूँगा भरपूर , नतीजे क्या होंगे किसको है फिकर !

आज फिर ज़िन्दगी जीतने निकला हु ,
क्या हुआ अगर मैं हकला हु !!

दिनेश 

Post Author: lashdinesh

4 thoughts on “Kya hua agar me hakla hu..

    Sachin

    (February 27, 2014 - 9:24 am)

    बहुत सुन्दर लफ्ज और जज्बात …
    बधाई हो ..

    Animesh

    (February 27, 2014 - 9:37 am)

    Very nice

    admin

    (February 27, 2014 - 10:10 am)

    Beautiful expression … आपके साथी बहुत नसीबवालें हैं कि आपके जैसा लीडर मिला।

    admin

    (February 27, 2014 - 5:06 pm)

    bahut badhiya kavita hai…

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