दोस्तों मैं आज आपको एक अनुभव शेयर करना चाहता हूँ ,
पहले जब कभी भी रिश्तेदार घर पे आते थे तो मैं मिलने से कतराता था किन्तु आज घर में 2 – 3 अनजान रिश्तेदार आये जिनसे मैं कभी नहीं मिला था | एक बार तो मन में आया कि बात करते वक़्त मैं अटक जाऊंगा पर फिर मैंने दूसरी तरफ से सोचा कि आज चाहे मैं सही न बोल पाउँगा पर आने वाले अगले समय के लिए आज का अनुभव विकास का कदम जरूर होगा |
दोस्तों हम कई बार सोच में पड़ जाते है कि बोलू या न बोलू – उस वक़्त हम ज्यादा हकलाते है , अगर हम बिना सोचे वार्तालाप में कूद जाएं तो हमे वह अनुभव मिलेगा जिसकी कभी कल्पना भी नहीं कि होगी |
Attack and Destroy your fears before Your fear destroy You . Then – हमे अपनी शक्ति का अहसास होगा कि हम अपनी सोच से ज्यादा कुछ कर सकते है | हमारी समस्या हकलाहट नहीं बल्कि उसकी मानसिकता है जिसने वायरस की तरह हमारे दिमाग और सोच को corrupt कर रखा है | हमे जरूरत है इस सोच से आज़ादी पाने की और वह रोज़ के नए नए अनुभव से ही बदलेगी |
बातचीत के दौरान हमने कई विषयों पे बात की – कहीं कहीं मैं अपनी हकलाहट को छुपाने का प्रयास कर रहा था , कहीं मैं खुल कर हकला रहा था और कहीं मैं धाराप्रवाह बोल रहा था – ओवरआल मैं आज के इस अनुभव से काफी संतुष्ट हु |
तो साथियों हमे तकनीक का अभ्यास करने के साथ साथ दैनिक वार्तालाप में भी पुरे ज़ोर शोर से शामिल होने की जरूरत है – हाँ हम हकला जाएंगे तो क्या हुआ |
बस अपने आप को ये बोलते रहना है कि ” My Current Situation is not my final situation , I am making progress day by day , I’ll become good communicator at some point of time surely if I continued my efforts in right direction.”
सफर अभी जारी है,
रमन मान 8285115785
1 thought on “My Experience #15 Ek Badlaav”
Bhupendra Singh Rathore
(October 11, 2018 - 11:00 am)Yeah Raman Maan JI; Thanks again for your one more inspiring experience. Attack and Destroy your fears before Your fear destroys You and I am sure you will be a good communicator at some point of time surely if you continued your efforts in the right direction. Best Wishes for your Journey. Keep Inspiring us with your experiences 🙂