किसी समय मैं एक दवा कम्पनी में काम करता था। मुझे चिकित्सकों से मिलना होता था। दवाईयों के विषय में प्रतिक्रिया जानता था। डाॅक्टर्स से एक निश्चित दिन और समय पर मुलाकात हो पाती थी।
इस दौरान मिले अनुभवों ने मुझे जिन्दगी के बारे में नई चीजें सीखने का अवसर दिया।
बस स्टैण्ड पर बैठकर मैं लोगों को फोन करता था। इस समय कहीं और बैठने का स्थान नहीं मिल पाता था। अस्पताल और क्लीनिक में अधिक समय तक बैठने के लिए जगह नहीं मिल पाती थी।
आप अपने आसपास लोगों पर ध्यान दीजिए, कोई व्यक्ति खेल खेलने के लिए गेम पार्लर में जाता है, तो वहीं एक व्यक्ति या बच्चा चैराहे पर टैफिक सिंग्नल के लाल होने पर रूकने वाली कारों पर बैठे लोगों को फूल बेचता हुआ दिखाई दे जाएगा।
कुछ लोग बस स्टैण्ड पर बड़ापाव या सस्ता नाश्ता खाते हैं, तो कोई 3 स्टार वातानुकूलित रेस्तरां में नाश्ते का आनन्द लेता है।
हमें अपने जीवन में सभी चीजों को दोनों दृष्टिकोण से देखना और सामना करना सीखना चाहिए। चाहे वे सकारात्मक हों या नकारात्मक, अच्छी हों या बुरी।
जिस प्रकार सिक्के के 2 पहलू होते हैं, उसी प्रकार जीवन में भी 2 पहलू होते हैं।
अपने आसपास खौर कीजिए, जिनके पास धन नहीं है, वे कठिन परिश्रम करके धन कमाते हैं और इस तरह मिला पैसा उन्हें खुशी देता है। वहीं अमीर लोग अपनी रूचि अनुसार जीवन का आनन्द उठाते हैं।
आपके पास जो नहीं है उसे पाने की कोशिश करें। मुस्कुराइए, और अपनी जिन्दगी की चुनौतियों का समाधान खोजना शुरू कीजिए।
…क्योंकि जीवन बहुत खूबसूरत है!
- जयप्रकाश.