मध्यप्रदेश की राजधानी एवं झीलों की नगरी भोपाल में द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (तीसा) के स्वयं सहायाता समूह की पहली बैठक 29 अप्रैल 2017 को आयोजित की गई। अरेरा हिल्स स्थित शौर्य स्मारक पार्क में बैठक में भोपाल स्वयं सहायता समूह के सदस्य विकास पाटले, कैलाश नेवरे, जगदीश मेवाड़ा और विशेष अतिथि अमित सिंह कुशवाह (सतना) रहे।
बैठक की शुरूआत औपचारिक परिचय से हुई। इसके बाद सदस्यों ने हकलाहट पर अपने अनुभव साझा किए। कैलाश नेवरे ने बताया कि वे जेल विभाग में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। जेल में अक्सर कई अधिकारी आते हैं। उस समय उनसे बातचीत करते समय हकलाहट अधिक होती है। हकलाहट के इसी डर और शर्म से बाहर आने के लिए मैंने तीसा के स्वयं सहायता समूह से जुड़ा हूं।
इंजीनियरिंग के छात्र विकास पाटले ने कहा- हकलाहट को खुलकर स्वीकार करना काफी अच्छा अनुभव रहा। मैंने अपने काॅलेज की शिक्षकों को खुलकर बता दिया है कि मैं हकलाता हूं, मेरी हकलाहट से उन्हें कोई समस्या नहीं है।
जगदीश मेवाड़ा ने कहा कि तीसा खुलकर हकलाने वाले व्यक्तियों का मंच है। तीसा हकलाहट को क्योर करना नहीं बल्कि हकलाहट का कुशल प्रबंधन कर बेहतर संचारकर्ता बनाने की ओर अग्रसर करता है।
बैठक के मुख्य अतिथि अमित सिंह कुशवाह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा- बात चाहे हकलाहट की हो या किसी बीमारी की, खुद को ठीक करने की पूरी जिम्मेदारी हमारी ही है। कोई दूसरा हमारी हकलाहट को ठीक नहीं कर सकता। अक्सर हम लोग सोचते हैं कि खुलकर हकलाने पर लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होगी? इसको जानने का एक ही तरीका है अनजान लोगों के सामने हकलाना, उनसे हकलाहट पर बात करना। उन्होंने तीसा की स्थापना, कार्यप्रणाली एवं उद्देश्यों के बारे में नए सदस्यों को अवगत कराया।
– जगदीश मेवाड़ा, भोपाल
07987577275
2 thoughts on “भोपाल में स्वयं सहायता समूह की पहली बैठक”
Sachin
(May 1, 2017 - 10:16 pm)बहुत सुन्दर…. ऐसे ही मिलते जुलते रहिये और अपने अनुभव बाँटते रहिये..
pawan kumar
(December 22, 2017 - 12:25 am)ME BI SWAYAM SAHAYATA SAMUH SE JUDNA CHAHTA HU