प्रभावकारी संचार (भाग – 1)

नाम की महिमा

नाम, हमारी पहचान है। हमारे जीवन और हमारे अस्तित्व को स्थापित करता है हमारा नाम। जब हम प्रभावकारी संवाद कौशल हासिल करना चाहें तो हमें नाम के महत्व को जानना और उचित समय पर अपने या दूसरों के नाम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि नाम का इस्तेमाल कब और क्यों करना लाभप्रद साबित हो सकता है अच्छे संवाद के लिए:-

  • अपना नाम सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता है। इसलिए जब भी किसी से बातचीत करें बीच-बीच में उसका नाम लेकर सम्बोधित करते रहें, यह एक अच्छा संवाद साबित होगा।
  • हर किसी के नाम का कोई अच्छा अर्थ होता है। किसी के नाम की तारीफ करना, उसके नाम के अच्छे अर्थ बताना, नाम को लेकर कोई अच्छा पसंग या बात बताना, सामने वाले व्यक्ति पर एक अच्छा प्रभाव छोडता है।
  • जब भी आप किसी को कोई ई-मेल भेजें, तो जरूर सम्बोधन के पहले उसका नाम लिख्ेां, यह व्यक्तिगत या आफियल कोई भी मेल हो नाम जरूर लिखें। क्योंकि हर व्यक्ति अपना नाम लिखा हुआ देखना पसंद करता है और उसे अच्छा लगता है।
  • किसी सामूहिक चर्चा या डिबेट में हों तब भी समूह में शामिल लोगों का नाम लेकर पुकारें।
  • जब आप अपना नाम बोलें तो जल्दीबाजी मत करें। आराम से अपना नाम बताएं।
  • किसी को मोबाइल पर मैसेज भेज रहे हों तो जिसे भेज रहें तो उसका नाम लिखकर अपनी बात कहें।
  • जब आप पहली बार किसी को मैसेज कर रहे हों या कोई जरूरी संदेश भेज रहे हों तो अंत में अपना नाम भी लिखें। कई बार दूसरे व्यक्ति के मोबाइल पर आपका नम्बर सेव नहीं होने से असमंजस की स्थिति बन जाती है।
  • जब आप किसी व्यक्ति को फोन करें, चाहे पहली बार हो या कोई परिचित होे पहले अपना नाम बताएं, फिर बात करें।
  • अधिकतर व्यक्तियों के नाम याद रखने की कोशिश करें।
  • अगर संभव हो सके तो हर जगह, हर अवसर पर दूसरे व्यक्तियों के नाम को प्राथमिकता दें, अपना नाम बाद में लिखवाएं या बुलवाएं।
  • मोबाइल पर शार्ट में नाम सेव करने पर कुछ समय बाद हम भूल जाते हैं यह व्यक्ति कौन है, इसलिए पूरा नाम सेव करें।
  • जब भी आप किसी से मिलें, पहले उनका नाम जानने की कोशिश करें। आपका शुभ नाम? योर गुडनेम? वाक्य का इस्तेमाल करना चाहिए।
इस तरह आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने संचार/संवाद को प्रभावकारी बनाने की ओर कदम उठा सकते हैं।– अमितसिंह कुशवाह,
सतना, मध्यप्रदेश।
09300939758

Post Author: Harish Usgaonker

2 thoughts on “प्रभावकारी संचार (भाग – 1)

    Sachin

    (June 22, 2014 - 2:19 am)

    बहुत सच… छोटी छोटी बातें पर बेहद महत्वपूर्ण..अमित धन्यवाद

    lashdinesh

    (June 22, 2014 - 4:48 pm)

    Goodone Amit!!

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