टीसा से जुड़ने के बाद मैंने महसूस किया कि बातचीत करने के लिए बुनियादी जरूरतों का अभाव मेरे अन्दर है। हकलाने के अलावा संकोच, शर्म, दूसरों की ओर ध्यान नहीं देना जैसी कमियां संचार में बाधा उत्पन्न करती हैं। धीरे-धीरे मैंने स्वयं को निखारना शुरू किया। कुछ वर्ष बाद मैं इस नतीजे पर पहंचा हूं कि हम सबको कम्यूनिकेशन के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहए, जैसे-
1. नाम – हर व्यक्ति को अपना नाम सुनना पसंद होता है। किसी लिखे हुए मैटर जैसे- पत्र आदि में भी वह अपना नाम सबसे पहले खोजता है। अपना नाम किसी दूसरे के मुंह से सुनकर हमें बड़ी खुशी होती है। इसलिए हम जब भी किसी से बातचीत करें तो बीच-बीच में उसका नाम लेकर सम्बोधित करते रहें। यह आपकी बातचीत को ज्यादा प्रभावकारी और सुखद बनाने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
2. प्रशंसा – इंसान का यह स्वभाव है कि वह अपनी प्रशंसा सुनकर आनन्दित होता है। और हम सभी लोग दूसरों की तारीफ करने में कंजूसी करते हैं। हर व्यक्ति में कुछ अच्छी आदतें या कार्य ऐसे होते हैं जिनके बारे में जानकर उनकी तारीफ करना चाहिए। जब मैं इन्दौर में था तो एक पर्सनालिटी डेवलपमेन्ट टीचर से मिलने का मौका मिला। वे हर व्यक्ति की तारीफ करते थे, कुछ न मिला तो उसके नाम की ही तारीफ कर दी।
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3. रूचियों को जानना और सम्मान करना – बातचीत करते समय हमें दूसरे लोगों की रूचियों के बारे में जानना जरूरी है। जैसे अगर कोई फिल्म में रूचि रखता है, तो हम उससे फिल्मों को बारे में चर्चा करें। अगर हमारी फिल्म में रूचि नहीं हो तब भी उसकी बात को सुनें।
4. ध्यान से सुनना – सुनना बड़े ही धैर्य का कार्य है। सुनकर ही हम लोगों के बारे में जान सकते है, नए ज्ञान को हासिल कर सकते है। इसलिए सुनने की आदत का धीरे-धीरे विकास करना चाहिए।
5. कम शब्द में बोलना – अक्सर हम लोग अनाप-शनाप की बातों में अपना समय व्यर्थ कर देते हैं। हमें अपने चर्चा के विषय पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कम शब्दों में अपनी बात कहने की कोशिश करना चाहिए।
6. दूसरों को बोलने का अवसर दें – हम में से कई लोग दूसरों को बोलने का मौका ही नहीं देते। एक बार बोलने का मौका मिला तो लगातार बोलते जाते हैं। दूसरों को भी अपने बात कहने का समय दें और अपनी बारी आने पर ही बोलें।
7. समय का ध्यान रखें – बातचीत करते समय का ध्यान ही नहीं रहता। इसलिए समय का विशेष ध्यान रखते हुए बातचीत करें।
8. पूर्व तैयारी – यदि किसी सभा, इंटरव्यू, प्रेजेन्टेशन आदि में जा रहे हों तो विषय की पूर्व तैयारी करके जाएं, तो आप बेहतर तरीके से अपनी प्रस्तुति दे पाएंगे।
9. अनावश्यक शब्दों से बचें – कुछ लोग अपनी बातचीत के दौरान मतलब, यानी जैसे शब्दों का अनावश्यक रूप से इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ लोग गाली-गलौच या अश्लील शब्द बोलते हैं। ये सभी आदतें सामान्य शिष्टाचार का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए ऐसी अर्थहीन आदतों से बचना चाहिए।
10. अभिवादन करना – किसी से मिलते समय मुस्कुराकर अभिवादन करना चाहिए। अगर आप किसी अनजान व्यक्ति से पहली बार मिल रहे हों तब भी उनका अभिवादन करना चाहिए।
मैंने खुद इन सभी टिप्स को अपने जीवन में अपनाया है, और नतीजा यह हुआ कि मैं ज्यादा खुलकर, बिना किसी तनाव के, हकलाहट के डर को दूर कर बातचीत कर पाता हूं।
– अमितसिंह कुशवाह,
सतना, मध्यप्रदेश।
09300939758
4 thoughts on “बेहतर संचार/संवाद के लिए सुझाव (Tips for better communication)”
lashdinesh
(February 2, 2014 - 2:36 am)Bahut Khoob Amitji! Dhanyawaad.
Apke article me Moti hi Moti hai 🙂
Sachin
(February 2, 2014 - 4:08 am)बहुत सच ! अक्सर हम हकलाने वाले फ्लुएँसी और क्योर के ही पीछे लगे रहते हैं और कुशल संचार की इन बारीकियों पर जरा भी ध्यान नहीं देते – इसी लिये हमारी छवि कुछ कुछ अनसोशल और लापरवाह इन्सान जैसी बन जाती है.. अमित इस बेहतरीन और सामयिक लेख के लिये बहुत साधुवाद..
इसे कृपया संवाद में भी शामिल करें ..
admin
(February 3, 2014 - 11:26 am)AmitJi aapka post bohot acha laga mujhe, aur maine iska ek print out bhi nikal liya hai..jisko main apne table par laga lunga. Jisse mujhe yaad rahe. Dhanyawad aapka itne ache vicharo ke liye.
admin
(February 7, 2014 - 5:21 am)In any communication getting connected is very important. Otherwise the other person looses interest in dialogue.
Very important tips for the same.
Thanks for sharing Mr. Amit.
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