मेरा नाम अक्षय रावल है और मैं गुजरात राज्य के सूरत शहर में रहता हूं। तीसा से जुड़ने के बाद मेरी जिन्दगी में आए परिवर्तनों और सुधारों की कहानी आपसे साझा कर रहा हूं।
पहले मैं रोज सुबह 9 या 10 बजे सोकर उठता था। कभी कोई एक्सरसाइज, मोडिटेशन या प्राणायाम नहीं करता था। हमेशा दुःखी रहता, किसी से बात भी नहीं करता था। हमेशा नकारात्मक विचार मुझ पर हावी रहते थे। अक्सर खुद को दूसरों से कम आंकता था। दिन के चैबीसों घंटे सिर्फ अपने हकलाने के बारे में सोचता और लोगों से बात करते समय डरता था। मेरे परिवार में जब किसी मुद्दे पर चर्चा होती, तो अपनी राय नहीं रखता था।
अब तीसा से जुड़ने के बाद सब कुछ बदल गया है। आजकल सुबह 6 से 7 बजे तक सोकर उठ जाता हूं। प्रतिदिन 1 घण्टे एक्सरसाइज करता हूं जिसमें कभी योग, कभी ध्यान, तो कभी दौड़ शामिल होती है।
परिवार में अब जब किसी विषय पर चर्चा होती है तो मैं अपने विचार जरूर रखता हूं।
तीसा की स्पीच तकनीकों की बात करूं तो पहले यह सब करना बहुत कठिन लगता था, लेकिन अब एकदम आसानी से कर पा रहा हूं। स्पीच तकनीक का इस्तेमाल करने में अब बिल्कुल भी डर नहीं लगता है।
आज हकलाना मेरे जीवन का एक छोटा सा हिस्सा रह गया है। इससे जुड़ी अपराधबोध की भावना, शर्म और डर से अब मैं आजाद हो गया हूं।
मैं खुद को दूसरों से कम नहीं आंकता। जब लोग मेरे हकलाने पर टोकते हैं तो मुझे बुरा महसूस नहीं होता। मैं उनके सामने ही खुलकर हकलाता हूं। मेरे विचारों में सकारात्मकता आ गई है और नकारात्मकता का स्थान धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। सच कहूं तो तीसा से जुड़ने के बाद मेरी जिन्दगी बदल गई है और यही मेरे लिए क्योर (इलाज) है।
~ अक्षय रावल,
सूरत, गुजरात
1 thought on “जिन्दगी में सकारात्मक बदलाव की शुरूआत . . .”
Vikash jha
(July 6, 2020 - 11:08 am)@akshay Rawal ,,, you are a great man,,,, your work is very good,, keep it up,,,,
Blessing for your future,,,,, my side🤗☺️