“Don’t be a parrot in life, be an eagle.
A parrot speaks but can’t fly high.
But An Eagle is silent & has willpower to touch the sky.”
“जीवन में तोता नहीं, एक ईगल समान बनो. एक तोता बोलता है, लेकिन ऊँची उड़ान नहीं भर सकता. परन्तु एक ईगल खामोश रहता है और इच्छाशक्ति के बल पर आसमान को छूता है.”
कल रात एक दोस्त का यह एस.एम.एस. मेरे मोबाईल पर आया है. यह सन्देश वाकई हमें एक सकारात्मक सन्देश देता है. हम अगर एक ईगल की तरह हो जाएं तो जीवन को सफल बना सकते हैं. हकलाहट कोई वजह नहीं है, जो हमें अपने सपने पूरे करने से रोक सके. हमें हर वक्त तोते की तरह बोलना आवश्यक नहीं है, बल्कि हम अपनी बात को धीरे से, आराम से बोलकर कह सकते हैं. जीवन में ऊँची उड़ान उन्ही की होती है जो कम बोलते हैं और काम की बातें बोलते हैं. आसमान की ऊँचाइयों को छूने के लिए हौसले की जरूरत होती है, अगर हकलाहट की चुनौती सामने है तो यह संकल्प करें की हमें हर हाल में अपनी मंजिल को पाना है, कुछ कर दिखाना है.
– अमितसिंह कुशवाह
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3 thoughts on “ईगल बनिए, तोता नहीं . . . !”
Sachin
(March 27, 2012 - 8:15 am)बहुत सुन्दर उपमा है..सचमुच।
admin
(March 27, 2012 - 8:20 am)अमित जी आपकी मुस्कान मुझे बहुत अच्छी लगती है और अक्सर आपका लेख पड़कर मुझे उसकी याद आती है |
आपका लेख बहुत अच्छा है | मैं अक्सर यह सोचा करता था के जीवन में उन्ही लोगो की प्रशंसा होती है जो अपनी बात बहुत बदिया ढंग से अपनी बात बोलते है या बता पाते है |मेरी सोच अब गलत लग रही है आपका लेख पड़कर|
आपका बहुत धान्यवाद की आपने अपनी बात हम सबके साथ शेयर करी |
Anonymous
(March 27, 2012 - 11:09 am)Dear Amit, really very inspiring thought. Thanks for sharing with us.
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