आई लव यू कि…कि..कि…किरण. मशहूर फ़िल्म अभिनेता शाहरुख खान का यह जुमला कभी हर किसी की जबान पर चढ़ा हुआ था. हमारे समाज में आज भी हकलाने वाले लोगों को हंसी का पात्र बनना पढ़ता है. उन्हें पढ़ाई और नौकरी में समस्या आती है.
आमतौर पर हकलाहट के बारे में लोगों को सही जानकारी नही है. वास्तव में हकलाहट कोई बीमारी नही बल्कि बोलने की ग़लत आदत है. इस आदत से छुटकारा पाया जा सकता है. जिस तरह गायक बनाने के लिए कठिन और निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है, उसी तरह सही तरीके से बोलने की विधियो के निरंतर अभ्यास से हकलाहट की समसाया पर विजय पाई जा सकती है.
याद रखिए आपको हकलाहट से मुक्ति सिर्फ़ आपकी कोशिश से ही मिल सकती है. जो लोग मात्र कुछ दिन में हकलाहट से मुक्ति दिलाने का वादा कराते हैं वे सिर्फ़ लोगों को मूर्ख बनाते हैं.
– अमितसिंह कुशवाह, इंदौर, मध्य प्रदेश.
मो. 0 9 3 0 0 9 – 3 9 7 5 8
2 thoughts on “हकलाना – रोग नही है हकलाना. . . !”
Sachin
(August 14, 2010 - 4:19 pm)बहुत सुन्दर! काश ओर भी साथी हिन्दी मे लिख पाते…
अमित आप को हम सब की ओर से साधुवाद !!
सचिन
admin
(August 15, 2010 - 4:23 pm)वाकई हिंदी में लेख पढ़ कर मज़ा आ गया… काश मैं भी इतना अचा लिख पाता …अमित आप हिंदी में और लिखो ताकि ज़यादा से ज़यादा लोग हमारे ब्लॉग से जुड़ सकें …बहुत बहुत धन्यवाद I
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