कूपर्टिनो। एप्पल
कंपनी के सीईओ टिम कुक समलैंगिक हैं। मानवाधिकार और समानता मुद्दे के पक्ष
में लिखे एक लेख में उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की।ब्लूमबर्ग बिजनेसवीक में गुरुवार को प्रकाशित इस लेख में (क्लिक कर पढ़ें कुक द्वारा लिखा लेख) कुक
ने लिखा कि वो डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग से प्रेरित हैं। उन्होंने मार्टिन
लूथर किंग की प्रसिद्ध सूक्ति का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था,
“जीवन का सबसे अहम सवाल यह है कि आप दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं?”
कंपनी के सीईओ टिम कुक समलैंगिक हैं। मानवाधिकार और समानता मुद्दे के पक्ष
में लिखे एक लेख में उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की।ब्लूमबर्ग बिजनेसवीक में गुरुवार को प्रकाशित इस लेख में (क्लिक कर पढ़ें कुक द्वारा लिखा लेख) कुक
ने लिखा कि वो डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग से प्रेरित हैं। उन्होंने मार्टिन
लूथर किंग की प्रसिद्ध सूक्ति का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था,
“जीवन का सबसे अहम सवाल यह है कि आप दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं?”
कुक ने लिखा, “हालांकि, मैंने समलैंगिक होने से कभी भी इनकार नहीं
किया। न ही मैंने अब तक सार्वजनिक रूप से इसके बारे में कोई जिक्र किया।
लेकिन अब मैं साफ करना चाहता हूं कि मैं समलैंगिक हूं और मुझे इसपर गर्व
है। ईश्वर ने समलैंगिक बनाकर मुझे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा दिया है।”
किया। न ही मैंने अब तक सार्वजनिक रूप से इसके बारे में कोई जिक्र किया।
लेकिन अब मैं साफ करना चाहता हूं कि मैं समलैंगिक हूं और मुझे इसपर गर्व
है। ईश्वर ने समलैंगिक बनाकर मुझे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा दिया है।”
कुक लिखते हैं कि वह आम समलैंगिकों के साथ खुलना चाहते हैं। लेकिन
सार्वजनिक जीवन में उनकी मदद न कर पाने में मजबूर हैं। वह खुद को
कार्यकर्ता के तौर पर देखते हैं। उन्हें मालूम है कि दूसरे लोगों के बलिदान
से उन्हें कितना फायदा हुआ है।
सार्वजनिक जीवन में उनकी मदद न कर पाने में मजबूर हैं। वह खुद को
कार्यकर्ता के तौर पर देखते हैं। उन्हें मालूम है कि दूसरे लोगों के बलिदान
से उन्हें कितना फायदा हुआ है।
कुक का यह लेख ऐसे समय में आया है, जब कुछ दिन पहले ही उन्होंने गृहराज्य अलबामा में समलैंगिकों के अधिकारों के हनन की आलोचना की थी।
कुक ने स्वीकारा कि सेक्स संबंध के खुलासे बेहद कठिन होते हैं। उन्हें
आशा है कि लोग टेक कंपनी में उनके प्रयासों पर ज्यादा फोकस करेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं एक इंजीनियर हूं। अंकल हूं। प्राकृतिक चीजों को प्यार
करता हूं। खेल प्रेमी हूं। मुझे आशा है कि लोग मेरी अंकाक्षाओं का सम्मान
करेंगे।”
आशा है कि लोग टेक कंपनी में उनके प्रयासों पर ज्यादा फोकस करेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं एक इंजीनियर हूं। अंकल हूं। प्राकृतिक चीजों को प्यार
करता हूं। खेल प्रेमी हूं। मुझे आशा है कि लोग मेरी अंकाक्षाओं का सम्मान
करेंगे।”
My View : यह खबर हम सभी हकलाने वाले साथियों के लिए बहुत ही प्रेरणादायी है। हमें हर व्यक्ति के जीवन की विविधता का सम्मान करना चाहिए। हकलाहट को छिपाने से बेहतर है, खुलकर हकलाहट को सहज रूप में स्वीकार करना। हकलाहट को स्वीकार करने का आनन्द बहुत ही सुखदायी है। आप अनावश्यक चिंताओं, भय, तनाव और डर से मुक्त हो जाते हैं। सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं। मुझे गर्व है कि मैं हकलाता हूं . . .
– अमितसिंह कुशवाह,
सतना, मध्यप्रदेश।
09300939758
2 thoughts on “A great acceptence . . . ! (मुझे गर्व है कि मैं हकलाता हूं . . .)”
Sachin
(October 31, 2014 - 10:39 am)Very good translation. Thank you Amit..
Sandeep Raja
(August 9, 2015 - 11:08 am)Bhut badiya amit sir
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