हकलाहट के लिए जागरूक और ईमानदार होने की जरूरत

एक दिन लोकसभा टीवी पर रात में एक कार्यक्रम प्रसारित हो रहा था- जनपक्ष। वैसे तो मैं लोकसभा  टीवी अक्सर देखता हूं, लेकिन उस समय अनायास ही इस चैनल पर रूक गया। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा चल रही थी। कुछ विशेषज्ञ और कई सुनने और सवाल पूछने वाले लोग बैठे हुए थे। एक […]

जयपुर संचार कार्यशाला: हां, हमारी सोच या दृष्टिकोण का इलाज है!

गुलाबी शहर के नाम से मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर में तीसा की 2 दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला की शुरूआत में सौम्या और जयपुर स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। सबसे पहले परिचय सत्र हुआ, लेकिन यह परिचय थोड़ा अलग था। सभी प्रतिभागियों को 2-2 की जोड़ी में विभाजित किया […]

आपके पास 2 विकल्प हैं: हकलाहट का सामना करें या हकलाहट को नजरअंदाज करें

बैंगलोर स्वयं सहायता समूह की एक रोचक बैठक रविवार को सम्पन्न हुई। बैठक में 10 सदस्य और 3 विशेष अतिथि शामिल हुए। बैठक का प्रमुख विषय रखा गया- अपनी जिन्दगी के उन पलों को साझा करना जब लोगों ने हमारी हकलाहट पर ध्यान नहीं दिया हो। बैठक में दिनेश, कार्तिक, जीतू, चन्दन, मुरली, चन्द्रशेखर, पवन, […]

हकलाहट का सामना कैसे करें?

मेरे ब्लाॅग http://sudheendranavittathur.blogspot.in/2016/02/ssstammering-and-my-life.html, को पढ़कर कई लोगों ने ई-मेल भेजे। पूछा- क्या हकलाहट का कोई इलाज क्योर है और हकलाहट का सामना करने के लिए क्या करना चाहिए? सच कहूं तो मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं, जिसने अपनी हकलाहट को क्योर कर लिया है। वास्तव में हकलाहट का कोई क्योर नहीं। अब तक ऐसा कोई इलाज […]

स्वीकार्यता ने दिया जीवन में बदलाव का मूल मंत्र

तीसा की स्वयं सहायता पुस्तिका अपना हाथ जगन्नाथ को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद पहला कदम था- इस सच को सहजता से स्वीकार करना कि मैं हकलाता हूं। मैंने धीरे-धीरे उन चुनौतियों का सामना करने का प्रयास किया, जो लगातार कई वर्षों से मुझे परेशान कर रही थीं। इस पोस्ट के माध्यम से हकलाहट […]

अब हकलाहट कोई समस्या नहीं है मेरे लिए…

दोस्तों, मेरा नाम कमल है। मैं कानपुर में रहता हूं और बी.टेक. का छात्र हूं। मेरा जन्म यु पी के  कानपूर  में हुआ। जबसे मैंने बोलना सीखा तब से हकलाता हूं। मेरी मम्मी को लोग अक्सर कहते थे कि अपने आप हकलाना ठीक हो जाएगा, चिन्ता न करें। परिवार में मेरे पापा और मेरे बड़े […]

सम्पूर्ण जीवन की मनोवैज्ञानिक पद्धति है स्वीकार्यता

श्री राजेन्द्र प्रसाद शर्मा तीसा से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं। वे पेशे से शिक्षक हैं और मध्यप्रदेश के मुरैना जिला में एक शासकीय स्कूल में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन में हकलाहट को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए एक बेहतर संचारकर्ता […]

भोपाल की एक यादगार यात्रा…

मैं शिक्षा विभाग में स्पेशल एजूकेटर के रूप में कार्य कर रहा हूं। मुझे समय-समय पर ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होना पड़ता है, जिससे अपने ज्ञान और कौशल को अपडेट किया जा सके, कुछ नया सीखा जा सके। इस बार एक 5 दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम भारत सरकार के संयुक्त क्षेत्रीय केन्द्र (दिव्यांगजन) भोपाल पर […]

सफलता की कहानी : संकल्प शक्ति का नाम है दुर्गा

सतना जिला के रामपुर बाघेलान विकासखण्ड में एक गांव है गोलहटा। आबादी होगी 5 हजार। गांव के ही छोटू आदिवासी कृषि मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनके परिवार में पत्नी सविता, पुत्र करण और पुत्री दुर्गा हैं। छोटू अपने इस छोटे से परिवार में बहुत खुश थे। बेटी दुर्गा के जन्म के […]

बैंगलोर स्वयं सहायता समूह की एक रोचक बैठक

तीसा के बैंगलोर स्वयं सहायता समूह की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मानसी, भरत, प्रमोद, राजकुमार, तरूणीधर और अनिमेष शामिल हुए। बैठक सुबह 8.15 बजे शुरू हुई। शुरूआत में 3 अभ्यास किए गए, जो हर बैठक में किए जाते हैं। 1. हल्की शुरूआती कसरत- हम सभी सदस्यों ने कुछ छोटे शारीरिक अभ्यास […]

रूकावट के लिए खेद नहीं है!

आपको किसी से किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं जैसे हैं, बिल्कुल सही हैं। बस खुद को स्वीकार करना चाहिए। – ओशो प्रसिद्ध दार्शनिक ओशो के ये विचार आज भी हम सबके लिए प्रासंगिक और प्रेरणादायी हैं। गुजरे जमाने में टीवी चैनल दूरदर्शन पर कभी-कभार यह संदेश प्रसारित होता था- […]

एक और अनुभव सार्वजनिक जगह पर बोलने का…

हमें हर दिन बोलने के कई मौके आसानी से मिल सकते हैं, इस बात का अहसास मुझे 23 जनवरी 2017 को हुआ। हुआ कुछ यूं कि इस साल भी दिव्यांग बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई। मैंने सभी तैयारियां समय पर पूरी कर लिया। […]

हकलाने वाली महिलाएं…

इस बैठक में किसी को दूसरे का वाक्य पूरा करने की जल्दी नहीं है। सूत्र वाक्य है- बोलने के लिए पूरा समय लें, बीच-बीच में रूककर बोलें, शब्दों को लम्बा करके बोलें। बैठक में शिल्पा सगवाल अपने टी-शर्ट के रंग का वर्णन करने के लिए हाथ उठाती हैं। वे कहती हैं- आज मैंने आसमानी नीले […]

हकलाहट पर चर्चा

हाल ही में सतना जिला में सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों का 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में आयोजित हो रहा था। यह प्रशिक्षण विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांग) की शिक्षा से सम्बंधित जरूरतों को समझने एवं सुधार के लिए तैयार किया गया था। ट्रेनिंग प्रोग्राम में मुझे लेक्चर के लिए […]

पहला महिला स्वयं सहायता समूह

एक लम्बे समय के बाद मैं यहां पर कुछ लिख रही हूं, लेकिन इस बार एक मजबूत विषय के साथ… हाल ही में तीसा के पहले महिला स्वयं समूह की बैठक बैंगलोर में आयोजित हुई। इसमें तीन सदस्य शामिल थे- अनीता, अरूणा और मैं। एक अन्य महिला साथी आकृष्णा अपरिहार्य कारणों से बैठक में शामिल […]

गोवा नेशनल कांफ्रेन्स 2016: मन की बातें…

मेरा नाम भावना पाटिल है। मैं तीसा के मुम्बई स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हूं। गोवा में सितम्बर, 2016 में तीसा की नेशनल कांफ्रेन्स का आयोजन होने जा रहा था। मैं इसको लेकर बेचैन और तनाव में थी। यह पहला मौका था जब मैं तीसा की नेशनल कांफ्रेन्स में शामिल होने जा रही थी। […]

नव वर्ष 2017

तीसा के सभी साथिओं को नया वर्ष 2017 मंगलमय हो. नया साल संदेसा लाए, घर भर की खुशहाली का, इसका हर दिन बीते ऐसे, जैसे दिवस दिवाली का…

स्वयं सहायता के लिए समर्पण जरूरी

स्वयं सहायता यानी अपनी मदद खुद करना। हमारे जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना हर व्यक्ति को करना होता है। ऐसी स्थिति में कई बार हम दूसरों की मदद लेते है, तो कभी खुद ही कदम उठाते हैं। सुबह 5 बजे जब अधिकतर लोग गहरी नींद में सो रहे हो, तब एक व्यक्ति प्राणायाम, योग […]

मेरी कहानी

नमस्कार मित्रों! मैं प्रसन्नजीत, एम.टेक. का छात्र हूं। यहां आप सब लोगों से हकलाहट की स्वीकार्यता पर अपने अनुभव साझा करने जा रहा हूं। मेरी जीवन में हकलाहट की शुरूआत बचपन में हुई। दादाजी बताया करते थे कि अपनी आंटी की नकल करते-करते मैं खुद हकलाने लगा। कक्षा दसवीं तक हकलाहट बहुत कम थी। यहां […]

हकलाहट को छिपाएं नहीं, खुलकर बात करने से मिलेगा समाधान…

बैंगलोर में टीसा के स्वयं सहायता समूह के शुरूआती दिनों से ही नवीन हमारे साथ जुड़े रहे हैं। मुझे अच्छी तरह याद है जब पहली बैठक में नवीन को धाराप्रवाह बोलते हुए देखकर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ था। नवीन ने अपने अनुभव साझा करते हुए हमें बताया की जब वे सातवीं कक्षा में थे, […]