मित्रो नमस्कार
बात उस समय की हे जब में टेलर का काम सीख चूका था ।वह भी लेडीज़ टेलर का।अब मेरे माता पिता और परिवार के लोग मुझ पर अपनी खुद की शॉप खोलने के लिए कहने लगे या यु कहे की दबाव बनाने लगे।पर मुझमे ये हिम्मत नहीं थी की मै उनको ये कह सकू की मैं हकलाता हु और मै कैसे कस्टमरो से बात करू।इस बात से में उस समय काफी परेशान भी रहने लगा था। फिर दबाव और मेरी सोच कि अब शॉप नहीं खोलूंगा तो दुसरो के यहाँ कब तक कम करूँगा। शॉप खोलने और न खोलने के बीच कई सवाल खड़े थे कि शॉप खोलूंगा तो लोग हसेंगे की एक हकले ने शॉप खोली और लेडीज कॉस्टमेर को कैसे हैंडल करूँगा और सबसे बड़ी बात तो ये थी की कोई कपडे लेकर आ भी गई और बात करते समय में हकला गया तो वो कभी अपने कपडे बिना सिलवाये वापस न लेकर चले जाये की अरे ये हकला ठीक से बोल तो पाता नहीं तो कपडे क्या खाक बनायेगा ।और कही शॉप खोलकर वापस बंद कर दी तो लोग हँसेगे वो अलग। और भी बहुत से छोटे छोटे सवाल उस समय मेरे मन और दिमाग से खेल रहे थे। फिर आखिर मैने सोचा कब तक ऐसा चलता रहेगा मैं दुसरो की शॉप पर काम करता रहूँगा और मैं जीवन में आगे कैसे बढूंगा। आखिर मैने हिम्मत करके शॉप खोली। लोग शॉप के बहार से जाते तो मुझे लगता की वो मेरे ऊपर हँस रहे हे।शुरुआत में दो खूबसूरत लड़की आई।वउसे शॉप में आते हुआ देख मेरे चहरे के तोते उड़ गए। पर करता भी क्या आखिर रजिया (संजय )फंस गयी गुंडों(लडकियो) में। नाम पूछना तो दूर की बात थी में ना ना ना….पर ही अटक जाता। समय निकलता गया नए नए लोगो से मिलता गया और डर कम होता गया। आज मैं अपने और अपने परिवार की सभी जरूरते अपनी शॉप से ही पूरी कर रहा हु। अंत में ,मैं आप सभी भाइयो से एक ही बात कहूँगा कोई भी काम करे तो आगे की मत सोचे कि मुझसे नहीं होगा। हर नया काम शुरुआत में कई मुसीबत पैदा करता है । पर धीरे धीरे आगे बढ़ने पर वो मुसीबते पीछे छुटती चली जाती है और हम अपनी मंजिल की और बढ़ते चले जाते हे। “”मेहनत और लगन ही सफलता की एक कुंजी हे इसमे हमारी हकलाहट बाधा बनकर हमारे सामने आएगी पर हमें उस पर ध्यान न देकर हमारा लक्ष्य देखना है । ” संजय राठौर ,नीमच(म.प्र.)
9827396355
बात उस समय की हे जब में टेलर का काम सीख चूका था ।वह भी लेडीज़ टेलर का।अब मेरे माता पिता और परिवार के लोग मुझ पर अपनी खुद की शॉप खोलने के लिए कहने लगे या यु कहे की दबाव बनाने लगे।पर मुझमे ये हिम्मत नहीं थी की मै उनको ये कह सकू की मैं हकलाता हु और मै कैसे कस्टमरो से बात करू।इस बात से में उस समय काफी परेशान भी रहने लगा था। फिर दबाव और मेरी सोच कि अब शॉप नहीं खोलूंगा तो दुसरो के यहाँ कब तक कम करूँगा। शॉप खोलने और न खोलने के बीच कई सवाल खड़े थे कि शॉप खोलूंगा तो लोग हसेंगे की एक हकले ने शॉप खोली और लेडीज कॉस्टमेर को कैसे हैंडल करूँगा और सबसे बड़ी बात तो ये थी की कोई कपडे लेकर आ भी गई और बात करते समय में हकला गया तो वो कभी अपने कपडे बिना सिलवाये वापस न लेकर चले जाये की अरे ये हकला ठीक से बोल तो पाता नहीं तो कपडे क्या खाक बनायेगा ।और कही शॉप खोलकर वापस बंद कर दी तो लोग हँसेगे वो अलग। और भी बहुत से छोटे छोटे सवाल उस समय मेरे मन और दिमाग से खेल रहे थे। फिर आखिर मैने सोचा कब तक ऐसा चलता रहेगा मैं दुसरो की शॉप पर काम करता रहूँगा और मैं जीवन में आगे कैसे बढूंगा। आखिर मैने हिम्मत करके शॉप खोली। लोग शॉप के बहार से जाते तो मुझे लगता की वो मेरे ऊपर हँस रहे हे।शुरुआत में दो खूबसूरत लड़की आई।वउसे शॉप में आते हुआ देख मेरे चहरे के तोते उड़ गए। पर करता भी क्या आखिर रजिया (संजय )फंस गयी गुंडों(लडकियो) में। नाम पूछना तो दूर की बात थी में ना ना ना….पर ही अटक जाता। समय निकलता गया नए नए लोगो से मिलता गया और डर कम होता गया। आज मैं अपने और अपने परिवार की सभी जरूरते अपनी शॉप से ही पूरी कर रहा हु। अंत में ,मैं आप सभी भाइयो से एक ही बात कहूँगा कोई भी काम करे तो आगे की मत सोचे कि मुझसे नहीं होगा। हर नया काम शुरुआत में कई मुसीबत पैदा करता है । पर धीरे धीरे आगे बढ़ने पर वो मुसीबते पीछे छुटती चली जाती है और हम अपनी मंजिल की और बढ़ते चले जाते हे। “”मेहनत और लगन ही सफलता की एक कुंजी हे इसमे हमारी हकलाहट बाधा बनकर हमारे सामने आएगी पर हमें उस पर ध्यान न देकर हमारा लक्ष्य देखना है । ” संजय राठौर ,नीमच(म.प्र.)
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6 thoughts on “हिम्मत करने वाले की कभी हार नही होती”
lashdinesh
(July 4, 2015 - 1:56 pm)Thanks for sharing. Such a wonderful lesson.
abhishek
(July 4, 2015 - 2:10 pm)बहुत अच्छा और प्रेरणा वर्धक
Sachin
(July 4, 2015 - 4:54 pm)बहुत सुन्दर सन्जय; धन्यवाद हेमन्त …
यही जज्बा बानाये रखें ..
Sachin
(July 4, 2015 - 4:54 pm)बहुत सुन्दर सन्जय; धन्यवाद हेमन्त …
यही जज्बा बानाये रखें ..
admin
(July 4, 2015 - 5:36 pm)डर के आगे जीत संजय भाई…
admin
(July 4, 2015 - 5:58 pm)Bahut accha lga. Sanjay ji hindi men apani baat behtar tareeke se rakhi sapane. Hindi me niranjan apane anubhav share karte rahen. Hemant ji ko dhanyawad.
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