यह घटना आज शाम की है। मैं अपने घर के पास किराना स्टोर पर एक सामान खरीदने गया था। मुझे मूंगफली लेना था। मूंगफली बोलने में काफी हकलाहट हुई और मैं तीन बार कोशिश करने के बाद सही बोल पाया। इस दौरान किराना स्टोर पर बैठे दुकानदार और उनकी पत्नी काफी देर तक हंसते रहे। मैंने उनकी हंसी को नज़रअंदाज़ किया और सामान लेकर वापस चल दिया। राश्ते में विचार करता रहा- अब इनकी दुकान पर कोई सामान लेने नहीं जाऊँगा। मुझे उन दोनों पर बहुत गुस्सा आ रहा था।
घर पर पहुँचने के बाद मैंने एक गिलास ठंडा पानी पिया और फिर से सोचने लगा। मुझे तुरंत ही अपनी गलती का अहसास हुआ। मैं पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर गलत फैसला कर रहा था। अब मैंने तय किया की मैं पहले की तरह ही उसी किराना स्टोर पर जाऊँगा। और इस बार उनसे हकलाहट के बारे में बात करूँगा, बिना किसी शिकायत के . . . !
अक्सर हम हकलाने वाले लोगों को इस तरह के हालातों का सामना करना पड़ता है। तुरंत कोई निर्णय लेने से अच्छा है की हम इस पर ठन्डे दिमाग से विचार करें, तब कोई फैसला करें।
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Amitsingh Kushwah,
SATNA (M.P.)
Mobile No. 093009-39758
4 thoughts on “वो मेरी हकलाहट को देखकर काफी देर तक हंसते रहे … !”
admin
(March 10, 2013 - 4:07 pm)You'll never be brave, if you don't get hurt.
You'll never learn, if you don't make mistakes.
You'll never be successful, if you don't encounter failure
admin
(March 11, 2013 - 4:37 am)To achieve something you have never achieved before, you must do something you have never done before.
Sachin
(March 11, 2013 - 1:47 pm)Right approach, Amit.
Kapil Sharmaa
(March 16, 2013 - 3:32 am)Unki zindagi mai akelapan hai, aur huste hai toh hasane do
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