खुश रहना है तो लिखिए मन की बात . . . !

टीसा में ब्लॉग लिखने को हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है. ब्लॉग लिखने से या फिर कागज़ पर अपने मन की बात, विचार, भावनाओं और समस्याओं को लिख देने आप निश्चित तौर पर तनावमुक्त हो जाते हैं. आप इस आलेख को पढ़कर इसके बारे में और अधिक जान सकते हैं.  मेरे द्वारा लिखा गया यह आलेख २००५ में देश के कई अखबारों में प्रकाशित हुआ था. जिसे मैं अपने दोस्तों के साथ शेयर कर रहा हूँ.  
अमितसिंह कुशवाह
Mo. No. 0 9 3 0 0 9 – 3 9 7 5 8 

Post Author: Harish Usgaonker

2 thoughts on “खुश रहना है तो लिखिए मन की बात . . . !

    Sachin

    (April 12, 2012 - 3:18 am)

    You can use such articles even in Samwad..Very relevant and good!

    admin

    (April 12, 2012 - 6:39 am)

    YEs, Amit ji. Writing is a great therapeutic tool.

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