भारत में पहली बार हकलाने वाले व्यक्तियों को हकलाहट के विषय में सही जानकारी, संचार/संवाद कौशल को बेहतर बनाने और जीवन को सकारात्मक, उर्जावान और सुंखमय बनाने के अभियान की शुरूआत डा. सत्येन्द्र श्रीवास्तव द्वारा द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (टीसा) के माध्यम से की गई है।
आज इस मिशन में सैकड़ों हकलाने वाले साथी जुडकर हकलाहट को जानने, समझने और सही व्यवहार अपनाकर सफलता की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
टीसा के ब्लाग और वेबपार्टल पर हिन्दी के आलेखों की कमी के कारण, कई बार हिन्दीभाषी हकलाने वाले साथियों को टीसा से जुडने में परेशानी का सामना करना पडता है।
अक्सर हिन्दी को जानने, समझने, बोलने तथा हिन्दी फिल्मों/गीतों का आनन्द उठाने वाले साथी हिन्दी में लिखना अरूचिकर पाते हैं। हमेशा क्यों हमें विदेशी/अंग्रेजी वेबसाईटों का सहारा लेना पडता है। अगर हम चाहें तो खुद हकलाहट पर हिन्दी में एक विशाल पठन सामग्री का निर्माण कर सकते हैं। हमारे रोजमर्रा के अनुभव, ज्ञान और परिवर्तन को लगातार हिन्दी में साझा करते रहें तो एक दिन टीसा के ब्लाग और पोर्टल पर काफी सामग्री उपलब्ध हो पाएगी।
टीसा के विकास के लिए यह जरूरी है कि हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में हकलाहट के बारे में लगातार, बार-बार और काफी कुछ लिखा जाए। हिन्दी जानने वाले ब्लागर साथी अगर हर महीने एक पोस्ट भी हिन्दी में लिखना शुरू कर दें तो बहुत सहयोग मिल जाएगा।
कई बार लोग हिन्दी में टाइप करना मुश्किल पाते हैं, उनके लिए कुछ जानकारी उपयोगी साबित होगी।
1. आजकल सभी वेबसाइट हिन्दी में यूनिकोड फोन्ट का इस्तेमाल करती हैं। यह एक ऐसा फोन्ट है जिसमें कुछ भी लिखा होने पर उसे विश्व में कहीं भी, किसी भी कम्प्यूटर पर आसानी से देखा और पढा जा सकता है।
2. जी-मेल और ब्लागर हिन्दी में टाइप करने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। जी-मेल इनबाक्स ओपन करने पर दांई ओर सबसे उपर हिन्दी में ‘‘अ‘‘ लिखा हुआ दिखाई देगा, उस पर एक बार क्लिक करते ही हिन्दी इनपुट सक्रिय हो जाता है। फिर आपको रोमन में टाइप करना होगा। जैसे – “teesa hakalane wale vyaktion ka sangathan hai” टाइप करते ही “टीसा हकलाने वाले व्यक्तियों का संगठन है” दिखने लगेगा। इसी तरह ब्लागर में भी यह सुविधा है कम्पोज बाक्स के ठीक उपर बांई ओर ‘‘अ’’ लिखा हुआ दिखाई देगा।
3. आजकल इंटरनेट पर ढेरों टूल्स और साइट हैं जो हिन्दी में टाइप करने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। इसलिए इंटरनेट पर सर्च करके भी आप हिन्दी टाइप करना सीख सकते है।
4. हिन्दी के अन्य प्रचलित फंोन्ट जैसे कृतिदेव आदि हैं। यह फंोन्ट इंटरनेट को सपोर्ट नहीं करता है। अगर आप चाहें तो कृतिदेव में टाइप करवाकर/स्वयं टाइप करके उसे आनलाइटन साइट पर जाकर यूनिकोड फोन्ट में बदल सकते है। यह बहुत ही आसान है। इसके लिए आप इस लिंक पर जाएं http://rajbhasha.net/drupal514/UniKrutidev+Converter
5. आप चाहें तो हिन्दी को सिर्फ रोमन में टाइप करके मुझे ई-मेल कर सकते है। मैं उसे देवानागरी लिपि में कन्वर्ट करने में मदद कर सकता हूं।
6. आप एक प्लेन पेपर में हिन्दी में लिखकर और उसे स्केन करके मुझे ई-मेल कर सकते हैं।
इस प्रकार आप देखेंगे कि आप आपके पास ढेरों विकल्प हैं हिन्दी में लिखने और अपना योगदान देने के लिए। इसलिए टीसा सभी ब्लागर साथियों से अनुरोध करता है कि हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में अपने विचार, अनुभव लिखकर पोस्ट करें या ई-मेल करें।
– अमितसिंह कुशवाह
amitsk68@!gmail.com
सतना, मध्यप्रदेश।
09300939758
2 thoughts on “टीसा को हिन्दी में अपना योगदान दें!”
Sachin
(September 17, 2014 - 1:43 pm)ये सचमुच एक महत्त्वपूर्ण पहल है – लोगो की हिन्दी लिखने मे सीधी व व्यावहारिक मदद करना.. मै तो कहूगा कि अच्छे पोस्टो का अनुवाद कर डालना एक अच्छी सेवा होगी…
Vishal Gupta
(September 20, 2014 - 1:39 pm)sach me ache post jo english me hai agar hindi me ho to wakayi man anandit ho jaata hai kyuki hindi me padne ka apna alag hi maja hai !!!!!
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