Fluency न दे, cure न दे
होसला तो दे,
TISA का ही सही, तू मगर आसरा तो दे.
बरसों मैं Cure के नाम पर खाता रह फरेब,
TISA blog कहाँ है, तूं उसका पता तो दे.
मैंने ये कब कहा के मेरे हक में हो जुबां ,
लेकिन खामोश मैं क्यों रहूं, कोई ये बता तो दे .
बेशक मेरी speech पर रख अपना इख्तियार,
लेकिन मेरा इसमे गुनाह है क्या, ये बता तो दे.
Fluency न दे cure न दे,
Communications skill तो दे…
7 thoughts on “Gazal: मंजिल न दे, चराग न दे: होसला तो दे, TISA का ही सही तू मगर आसरा तो दे. .”
Sachin
(April 24, 2013 - 2:07 pm)Wow! Beautiful!
Anonymous
(April 24, 2013 - 2:17 pm)Muqarrar, muqarrar..
Kamal
(April 24, 2013 - 2:43 pm)"बरसों मैं Cure के नाम पर खाता रहा फरेब"
So true!
admin
(April 25, 2013 - 8:26 am)बहुत सुंदर हेमंत जी। बधाई।
admin
(April 25, 2013 - 11:51 am)hemant ji ..hum to apke fan ho gaye…i like this gazal very much..but the way u modified is fantastic..next time jba bhi milege u have sing this version of gazal for us..:-)
admin
(April 25, 2013 - 12:26 pm)lalit ji, thanks. I'll
dr vijay singh
(April 28, 2013 - 7:01 am)बहुत अच्छा दोस्त ,मजा आ गया
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