conclusion on stammering after meeting many fluent and trans-fluent
PWS during participation in TISA activities
since 1.5 Yrs:
Where is
Problem ??
and hardware .
neck, tongue, vocal organs, jaw, facial muscles, breathing apparatus,
neurological blockage
SOFTWARE part
include breathing pattern, speaking pattern & wrong emotional
reaction pattern.
speaking , PWS impose a great tense or “tightness”
on neck, tongue , vocal organs, jaw, facial muscles or on mind(mainly neurons). Breathing pattern also
gets disturb.
Stammering originate and/or increase due to our wrong pattern of speaking, breathing
& thinking since childhood , which is “programmed” in our sub-conscious and un-conscious mind.
Now became a habit.
available free of cost. It will overhaul, strengthen and regularize all
hardware problem and Breathing pattern.
1. For speech improvement , better to ‘RE-PROGRAM” our mind
process of mind Re-programming is
PRACTICE & PRACTICE” of hard words.
so he repeated “Dubai”
10,000 times, with different pitch & volume. It is fast , efficient
Re-programming technique for mind and more effective than any meditation
techniques for stammering point of view.
2. For Re-programming
about BREATHING , start Ramdev yoga (all 7 pranayams) daily. Breathing
pattern will also change after few Months. It will heal whole speech apparatus
also, along with neuron & nerves.
3. For Re-programming about THINKING
pattern , adopt Acceptance
& do volunteer stuttering to
stop feeding negatives emotions on every block.
3 काम जो हर PWS को रोज करना चाहिये
1 प्राणायाम
2 Acceptance हकलाहट के बारे मे कुछ लोगो से खुलकर बात
3 Daily Practice
1. प्राणायाम क्यों ?
सामान्यत PWS की श्वसन प्रक्रिया अनियमित होती है । श्वास लेने मे ज्यादा समय, छोडने मे कम समय लगता है । प्राणायाम का एक नियम है । जितने समय मे सांस लो, उससे दुगुना समय लगाओ, श्वास छोडने मे ।
सामान्य आदमी मे फेफडे अपने आप फैलते सिकुडते है । और आदमी की ज्यादा तर ऊर्जा फेफडों के फैलने सिकुडने मे चली जाती है । अब आप फेफडो को सांस छोडने मे ज्यादा समय लगायेंगे तो फैफडे जो पहले एक मिनट मे suppose 30 बार सिकुडते थे अब 15 बार सिकुडेंगे । और जो ऊर्जा बचेगी वो शरीर और दिमाग के पोषण मे , उसका energy level बढाने मे काम आ जायेगी और बोलने से पहले ही जिन लोगो के फेफडे खाली हो जाते हैं सारी हवा बाहर निकल जाती है, उसके निजात मिल जायेगी । हमारे हिमालय के योगी तो बोलते है कि मनुष्य का सांस लेने की जरुरत ही नही है, वो तो फेफडे फैल सिकुड रहे हैं, और जब गिलास खाली होगा तो जैसे हवा भर जायेगी, ऐसे ही फैले हुए फेफडो मे हवा स्वतः ही भर जाती है । हिमालय के योगी फैफडो पर पूरा नियंत्रण कर गति रोक कई दिन जी लेते है ।
कोनसे प्राणायाम करें? Click http://stammer.in/2013/07/07/by-specific-breathing-techniques-can/
2. Acceptance क्यों ?
Acceptance से दिमाग का काम भी आधा रह जाता है । PWS का दिमाग सामान्यत दो लोगों का काम एक साथ करता है । वो हमेशा ये सोचता रहता है कि यदि मै हकलाया तो सामने वाला क्या सोचेगा । दूसरा क्या सोचेगा , ये भी PWS खुद ही सोचता रहता है । पर acceptance आने पर दूसरा क्या सोचेगा , ये सोचना बंद कर देता है । और इस तरह दिमाग का काम आधा रह जाता है । बची हुइ ऊर्जा को दिमाग सही बोलने की कोशिश मे ज्यादा एकाग्रता से लगा सकता है ।
http://stammer.in/2014/03/02/amazing-secret-of-psychic-healing-by/
http://stammer.in/2014/07/22/aura-photography-of-pws/
Fluency Shaping Techniques की रोज practice क्यों ❓
अगर सब कुछ ठीक है, केवल speaking pattern ही बिगडा हुआ है, मतलब जिस अक्षर के लिये जीभ दांत के जिस हिस्से से लगनी चाहिये या Vocal cord की जैसे हरकत होनी चाहिये वो नही हो रही, या Vocal cord पर जोर डालने के बजाय PWS जीभ या जबडों पर जोर लगा रहा है , उनको बोलते वक्त ज्यादा tight कर लेता है तो उसको Reprogram करने के लिए fluency shaping technique (B-B-Bouncing , Proooooolongation) की रोजाना Practice जरूरी है । सबसे बेहतर होगा, दूसरे PWS से बात करना (Phone, Skype or Google hangout) क्योकि अकेले मे Practice करने पर बोलने मे ना तो भावनाएं शामिल होती है और ना ही PWS पूरा एकाग्र होता है । बिना एकाग्रता के , बिना चेतन, अवचेतन और अचेतन मस्तिष्क के एक tuning मे आये Reprogramming हो ही नही सकती ।
http://stammer.in/2015/01/03/happy-new-year-2015/
But always Remember – stammering can be managed
, it can not be cured. Stammering is also like blood pressure and heart beats. BP,
Heart beat or Fluency of normal person may also increase or decrease during
anger, tension, anxiety, depression or fear . But we can manage it by working few years on software and hardware together .
janhem1008@gmail.com
4 thoughts on “How to manage Stammering ?..?”
Sachin
(December 13, 2013 - 8:51 am)I liked your example of comparing Fluency with BP, Heart rate etc. Yes, you can not guarantee, buy or sell "Fluency".. It is an inner state- when you are at peace with yourself, your audience, done your homework- and have a great desire to get the message across..
Keep sharing..
admin
(December 13, 2013 - 10:00 am)Very good post and good research. Thanks Hemant ji.
admin
(December 14, 2013 - 5:01 pm)Awesome posting and nice analyzing Bro..
Good and Regards !
jasmeet singh
(March 15, 2015 - 7:12 am)You have given best example like heartbeat and bloodpresser.. same we have to manage our stammering
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