हेलो दोस्तों ,
आज अचानक लैपटॉप का तीसा फोल्डर खोलकर कुछ देखने का मन हुआ | वहां पर पिछले एक दो साल की वीडियोस और ऑडिओस सेव की हुई थी किन्तु मैंने कभी देखी ही नहीं थी क्यूंकि मुझे अपनी ही वीडियो देखने और उसमे अपने आप को हकलाता देखने से डर लगता था | आज अचानक उस डर को दूर करने का मन हुआ तो एक वीडियो चला दी |
दोस्तों 5 मिंट का गाना तो हम बड़े ही आराम से देख और सुन लेते है परन्तु अपने आप को हकलाता हुआ देखने बहुत ही शानदार अनुभव होता है – दो मिंट होते होते मुझे लगा कि ……….फैंटास्टिक …..यू आर ग्रेट …. कोई हकला इतना भी हकला सकता है क्या….. मेरा मन कह रहा था कि छोडो बंद करो इसे… किन्तु मैंने पुरे पांच मिंट की वीडियो देखी और शायद ये अब मुझे और मोटिवेशनल वीडियो देखने की जरूरत नहीं | दोस्तों हम सब बाहर कोई हल देखते रहते है परन्तु समस्या का समाधान हमारे पास ही होता है … बस जरूरत है अपने अंदर झाकने की ….. अपने आप को आब्जर्व करने की ……
In this world , Our foremost task is to KNOW THYSELF……We Must Know Who Really We Are , Before Judging Our Capabilities……
सफर यु ही जारी रहेगा
रमन मान 8285115785
2 thoughts on “My Experience #17 कुछ यादें”
Amitsingh Kushwaha
(October 15, 2018 - 3:42 pm)बहुत ही अच्छा अनुभव है आपका रमण जी. सच तो यही है की खुद को हकलाते हुए देखना साहस का कार्य है जो आपने किया.
Bhupendra Singh Rathore
(October 17, 2018 - 11:31 am)Wah! Ramanji thanks for sharing this experience. Absolutely right, Sometimes we feel awkward and ashamed of our own videos while stammering. We ourselves are motivation and watching our own videos and working on them is a best therapy for us.