गिरकर भी उठना सिखना पड़ेगा
एक एक पन्ना करके पूरा इतिहास लिखना पड़ेगा
वर्ना अभी तो हमारा अस्तित्व ही बेमानी सा लगता है
पर वक़्त बदलने में कुछ वक़्त तो लगता है।
कर हर मैदान फतेह,
रमन मान 8285115785
गिरकर भी उठना सिखना पड़ेगा
एक एक पन्ना करके पूरा इतिहास लिखना पड़ेगा
वर्ना अभी तो हमारा अस्तित्व ही बेमानी सा लगता है
पर वक़्त बदलने में कुछ वक़्त तो लगता है।
कर हर मैदान फतेह,
रमन मान 8285115785
1 thought on “My Experience #18”
Bhupendra Singh Rathore
(November 11, 2018 - 12:11 am)Thanks, Mr. Raman Maan for inspiring us with your blogs and poems.