हेल्लो दोस्तों , आज फिर मै आपको अपने जीवन यात्रा के बारे में बताने जा रहा हु।
हमारे कॉलेज NIT DELHI के पास ही स्लम एरिया है और हमारे कुछ दोस्तों ने वहां के स्टूडेंट्स को शाम को पढ़ाने का प्रोग्राम शुरू किया है और मैं भी स्टूडेंट्स को पढ़ा रहा हूँ। हमारे देश की सरकारी स्कूल की शिक्षा इतनी कमज़ोर हो गयी है कि 10 th क्लास के स्टूडेंट को जोड़ घटाव नही आ रहा है। इसके लिए हम सब जिम्मेदार है। यहां पर मै एक तो अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को बढा रहा हु और दूसरा स्टूडेंट्स को थोड़ा ज्ञान दे रहा हूँ और ये फ्री वक़्त का सही सदुपयोग भी साबित हो रहा है।
स्टूडेंट्स को पढ़ाने का कॉन्फिडेंस मुझमे acceptance के बाद हुए परिवर्तन से ही आया है। पता नही क्या हो गया है मुझे – मै बिना डर के फ़ोन कॉल्स कर रहा हूँ अपने कम्फर्ट जोन से भी बाहर आ रहा हु। अब मुझे फ़ोन पर बात करना बहुत अच्छा लगता है। एक वक़्त वो भी था कि मै फ़ोन उठाने से डरता था और हार्ट बीट पता नही अचानक से बढ़ जाती थी परन्तु अब मै बिलकुल नही घबराता। हालांकि अभी और परिवर्तन लाना है और उसके लिए और रिस्क लेने होंगे लाइफ में। इसके लिए मै टॉस्टमास्टर्स क्लब ज्वाइन कर रहा हूँ ताकि मै नार्मल लोगों के बीच पावरफुल स्पीच दे सकूँ।
और ये सब परिवर्तन टीसा से जुड़ने के बाद ख़ास करके सचिन सर से मिलने के बाद पिछले बीस दिन में हुए है और मैंने पिछले 20 दिन में बहुत सारे काम किये है जो मै बरसो से टाल रहा था। मै ६ अपने पुराने गाँव भी गया जहां मैंने आठवी तक पढाई की थी और वहां पे रिश्तेरदारों से भी मिला और इस नव् वर्ष पर 1 Jan ko तो मैंने 40 फ़ोन कॉल्स किये – अपने दोस्तों को रिश्तेदारों को और सभी को बधाई दी। इसके लिए मै रिलायंस जिओ का भी थैंक्स करता हूँ। और मैंने एक टोल फ्री नंबर पे 6 महीने पहले दो बार कॉल किया था और दोनों बार लेडी ने बोला कि speech प्रैक्टिस के लिए कहीं और फ़ोन करो और उसके बाद मैंने 6 महीने तक उस नंबर पर कॉल नही की। अब मैंने सोचा कि अब इस साल टोल फ्री की शुरुआत उसी नंबर से करूँगा और मैं बड़ी आसानी से बात कर पाया। darr ke aage hi jeet hai doston…
अब मै हर सिचुएशन मै बातचीत का मौका ढूंढता रहता हूँ और कोशिश करता हु कि अधिक से अधिक बात कर के अपने डर को ख़तम कर दू जिसने मुझे इतने सालो से रोक रखा था।
I want to thank U all TISA guys for making me what i am today and what i will be tomorrow…U are really cool….
फिर मिलते है अगली पोस्ट में। ……… पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। …….
रमनदीप सिंह
8285115785
3 thoughts on “My journey – 3”
Sachin
(January 4, 2017 - 12:12 pm)क्या बात है! दिल खुश हो गया – ये देख कर कि टेक्निक्स के पीछे पड़ने के बजाय – आप निस्स्वार्थ सेवा के महा मार्ग पर चल पड़े हैं.. ढेर सी बधाइयाँ !
Dixit Arora
(January 4, 2017 - 10:00 pm)Raman….u r bravo man and very inspiring for all. Proud to have u in Delhi shg.
Amitsingh Kushwaha
(January 5, 2017 - 7:28 pm)बहुत सुंदर बात कही है रमनदीप जी. हकलाहट का सामना करने के लिए कम्फर्ट जोन से बाहर आना ही होगा. साथ ही समाज सेवा की दिशा में आपका प्रयास सराहनीय है. कृपया जारी रखें.