मेरा Jacquelyn Revere नाम है। मैं संयुक्त राज्य अमेरिका से हूं। कहने को तो हकलाने वाली महिलाओं की सुख्या पुरूषों की तुलना में काफी कम है, लेकिन चुनौतियां ढेरों हैं। भारत में आकर इस एन.सी. में मैंने देखा कि इतनी कम संख्या में हकलाने वाली युवतियां आई हुई हैं। निश्चित ही परिवार की बंदिशें और उनकी सोच इसका मूल कारण है। चाहे भारत हो या अमेरिका हकलाने वाली महिलाओं को अपने परिवार, समाज और कार्यस्थल पर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर लोगों की सोच यह होती है कि हकलाने वाली युवती को अच्छा जीवनसाथी मिलेगा या नहीं? वहीं कई बार हकलाने के कारण कार्य करने के लिए अयोग्य समझ लिया जाता है। सच तो यह है कि हमारे मानव जीवन में धाराप्रवाह बोलने को बहुत बड़ा गुण मान लिया गया है और इसके सामने प्रतिभा और क्षमता को कम आंका जाता है, जो कि सही नहीं है। जब हकलाने वाली युवतियां घर से बाहर निकलती हैं तो माता-पिता भी ढेरों आशंकाओं से घिरे रहते हैं। बाहर जाकर कैसे लोगों का सामना करेगी? एजूकेशन और जाब कैसे कर पाएगी? ऐसी प्रश्नभरी निगाहें हर कदम पर हकलाने वाली महिलाओं के सामने हाजिर होती हैं। हम समाज को बदल पाएं या नहीं बदल पाएं यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। हकलाने वाली महिलाओं को शक्तिशाली विचार और दृढ़ निश्चय के साथ जीवन में आगे बढ़ना और कार्य करना चाहिए। सफलता जरूर मिलती है। भारत में टीसा की एन.सी. में आकर हकलाने वाली युवतियों से बातचीत एवं उनके अनुभवों को जानने, समझने का सुन्दर अवसर मिला। आप सभी को धन्यवाद।
(जैसा उन्होंने टीसा को बताया।)
2 thoughts on “NC 2014 : हकलाने वाली महिलाओं के सामने हैं चुनौतियां . . .”
Anindita Dash
(October 23, 2014 - 5:19 am)I am anindita. I too have stammering problem and have faced many problems due to this. Currently i am in a software company. But there i have found no women having problem like me. I feel embarrassed all the time.
Sachin
(October 23, 2014 - 1:47 pm)Yes, we know that many women suffer in silence – and colleagues or HR often have no clue. so they cant help. Please send us an email and we will put you in touch with others who can help you.. you are not alone.
Info at stammer dot in
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