स्टेमर करने वालो कि आम समस्या

हम जब भी किसी से बात करने कि कोशिस करते है, तो हमें बड़ा डर लगता है, लोगो के सामने जाते ही दिमाग बंद हो जाता है या दिमाग में ढेर सारे अनावश्यक विचार आने लगते है, और जुबान अटक जाती है| इसमें कई सारी फिजिकल और सायक्लोजिकल समस्याओ से मिलकर हम स्टेमर करते है, देखो सायक्लोजिकल यानी डर झिझक और आदत होती है, जो लोग बचपन में हकलाते थे, पर वे आज टीचर अडवोकेट और नेता तक है ऐसा मैंने एक थरेपीस्ट् से मिलकर देखा तो ये सब कैसे हुआ, में इस नतीजे पर पंहुचा कि ये लोग दूसरे लोगो से बाते करके उनसे दोस्ती करने की आदत वालेहै, लोगो के सामने जाकर, अटकना, चुप हो जाना डर जाना भ्रमित हो जाना ये भी एक आदत है|
तुमने देखा होगा कि कोई तुम्हारा दोस्त जो सर से या लड़कियों से सीधे जाकर बाते करने, अपनी बात रखना, ये सब उसकी आदत है, बस तुम्हे भी यही करना होगा आदत डालनी होगी| जिन व्यक्तियों से आपको काम है या वे लोग जो आपके परिदृश्य में रहते हो, जैसे दोस्त या गर्ल फ्रेंड हो उनसे बेझिझक बात करने कि आदत डालनी होगी, अगर आपको अच्छा कम्न्युकेटर बनना है, तो आपको ढेर सारे लोगो से बाते करनी होगी उनकी बाते सुननी होगी अपनी बात रखनी होगी, शुरुआत में आपको हारी हुई बाजी लगेगी, पर समय के साथ इसका परिवर्तन आपको साफ दिखने लगेगा| आप सभी लोगो से बाते करे जैसे अजनबियों से मोहल्ले वालो से दुकान वालो से, सलून में, कॉलेज मे, सेल्स मेन से आदि|

सबसे पहले सबसे आसान चीजों से शुरू करते है, नाकिंग टेक्निक यानी दरवाजा खटखटाने से| नोकिंग टेक्निक का मतलब होता है कि तुम्हे लोगो से लंबी चोड़ी बाते नहीं करनी है, सिर्फ लोगो से जगह का पता पूछना है, जैसे मार्केट मे आते- जाते किसी व्यक्ति से ऑफिस का पता पुछ सकते हो, किसी फोटो कॉपी या pco का पता पुछ सकते हो, तुम किसी बस स्टाप पर जाकर पुछ सकते हो कि फलानी जगह की बस कब आयेगी कब जायेगी, याद रखिये आपको किसी व्यक्ति से ज्यादा बात नहीं करनी है, ये फर्स्ट स्टेप है, हम केवल यह सीख रहे है की आगे बढ़ कर लोगो से कैसे बात की जाती है| कोशिश करो की आप एक हफ्ते मे आप ७० लोगो से बाते करे|
याद रखना इंसान सिर्फ आदतों का पुतला होता है, तुम सिगरेट पियोगे तुमको पिने की आदत लग जायेगी, शराब पियोगे शराब की आदत पड़ जायेगी| तुम लोगो के सामने रुक रुक कर बोलने की आदत डाल लोगे तो हकलाने की आदत पड़ जायेगी, अगर तुम लोगो से बिना झिझके बात करने की आदत डाल लोगे तो आपकी बिना अटके बोलने की आदत पड़ जायेगी|

दूसरी स्टेप देखो लोगो से ५ सेकण्ड मे मिलते ही उससे बात करना शुरू कर दो, जैसे अगर तुम लोगो को देखते रहे या सोचते रहे तो आप उनसे बात नहीं कर पायेगे, याद रहे जिनसे काम हो या काम की बात करो नहीं तो वे लोग आपको बातुनी समझ सकते है | कोशिश करो की आप ज्यादा से ज्यादा लोगो से बात करो, इस अभ्यास से आपके अंदर एक जबरदस्त कॉन्फिडंस आ जायेगा, आपकी आखो मे नरमी आ जायेगी आपकी आवाज मे ठंडक आ जायेगी, सबसे बड़ी बात है की आपके चेहरे मे से बचपने वाले हाव भाव (शर्माना , डरना, झिझकना) खत्म हो जायेगे, अगर आप किसी व्यक्ति से बात करोगे तो वो व्यक्ति आपकी बात ध्यान से सुनेगा, समझेगा, और फीडबेक देगा, तुम खुद महसूस करोगे की तुम्हारे अंदर से डर खत्म हो गया है, तुम पूरी तरह से आटोमेटिक मशीन की तरह काम करने लगे हो, तुम किसी के पास जाओंगे बैठेंगे, तुम्हारा दिमाग, तुम्हारी जुबान तुम्हारे हावभाव, हाथ पैर अपने आप चलने लगेगे, याद रखे सिर्फ दूसरी स्टेप है जो आपको इतना सब दे देगा |

फिर धीरे धीरे अपने बोलने का दायरा बड़ाईए यानी कभी शादियों की पार्टी मे मदद कीजिये और बाते करो धार्मिक उत्सवो मे कार्य रुपरेखा की चर्चा मे शामिल होईये, मुहल्ले, कॉलोनी के साफ- सफाई, रोड लाइट के बारे मे लोगो से चर्चा कीजिये, अपनी राम कहानी लोगो को सुनाईये उनकी रामकहानी सुनिए क्योकि अगर आप किसी को नहीं सुनेगे तो लोग आपको नहीं सुनेगे, दुनिया गिव एंड टेक के सिद्धांत पर काम करती है, काम के आदमी बनो, जिस जगह वर्क करते हो काम को पूरी तरह से सीख लो और दूसरे वोर्करो, मेनेजमेंट से काम के बारे मे चर्चा करो, या टीचर से सवाल जबाब करो, सहपाठी से बाते करो |

ये सब करने के बाद, आपकी बिना अटके बात करने कि कैसे आदत नहीं पड़ती| प्लीज कमेन्ट
अनिल (anilguhar at gmail dot com)

Post Author: Sachin

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