– कोरोना –
असहाय पड़ी मानव की कृति,
रुका पड़ा सब काम है।
कोरोना के चक्कर में देखो
लुटा पड़ा संसार है।
विश्व की चंचलता सुनी हो गई
सुना पड़ा घरबार है
कोरोना के चक्कर में देखो
असहाय पड़ा इंसान है।
चीन ने कपटी चली चाल है
एक वायरस ने होश उड़ाया है
दुनिया के शक्तिशाली देशों को
घुटनों पर टिकाया है।
पूरी मानवता को देखो
कोरोना से रोना आया है।।
अब हो चुकी बड़ी तबाही
मिल कर सबक सिखानी है।
चीन के कपटी चालों से
दुनिया को मुक्त करानी है।
उठो देश के वीर सपूतों,
चलो रण की तैयारी है
कोरोना के महामारी से
अबकी जंग हमारी है
उठो हे धरती के दूतो
उठो धरा के रखवाले
अबकी बार कंधे पे तेरे
विश्व की मानवता सारी है।
~ धीरज कुमार मिश्र
रोहतास (बिहार)
रोहतास (बिहार)