हकलाओ मगर प्यार से।।।

हेल्लो फ्रेंड्स,

मेरा नाम अक्षय रावल है,में सूरत का रहनेवाला हु।में आपको मेरी पिछले एक साल की कहाँनी बताता हु।एक साल पहले में स्पीच थेरेपिस्ट के पास गया था।पुरे 6 महीने गया पर फर्क 0 परसेंट ही हुआ।उसके बाद काफी दुखी हुआ. उसके बाद मेने गूगल पे स्तंमेरिंग सेंटर सर्च मारा। जाने का मन बनता पर जब मेरे।स्पीच थेरपिस्ट की याद आती तो वापिस न जाने का मन बना लेता।।।..उस्सी दिन मेरा दूर का भाई है कल्पेश।।उसने आके मुझे समजाया की स्पीच थेरेपिस्ट नाम की कोई चीज़ नहीं है।और जो है वे कुछ काम के नहीं है।
.जब उसने यह बात कहीं तो में पानी पानी हो गया।।दिल में लगातार यह बातें चलती रही की।”अब क्या करू,में ढीक कैसे होउंगा,पूरी लाइफ इसके साथ ही जीनी पड़ेगी।।।काफी दुखी हो गया था।।कल्पेश की मानी ही पड़ी क्योंकि वह भी स्तंमेरिंग सेण्टर गया था।पूरा कोर्स किया एक महीने का।।पर फर्क कुछ नहीं था।…तभी उसने मुझे टीसा(द इंडियन स्तंमेरिंग एसोसिएशन)और मुझे “अपना हाथ जगनाथ”की पीडीएफ दी”
जब मेने “अपना हाथ जगनाथ”पढ़ी तो पहले पहले कुछ समज़ में नहीं आया।फिर क्या फिर से एक और बार पढ़ी।।।उस्सी अगले दिन से मेने सुबह प्राणायाम करना शुरू किया और साथ में
हकलाना स्वीकार करना चालू कर दिया।काफी अव्क्वार्ड लग रहा था। कुछ दिन बाद मेने प्रोलोंग टेक्नीक स्टार्ट की।।..पहले पहले तो डर लग रहा था बोलने पर फिर भी हिम्मत नहीं हारा और लगा रहा है कुछ महीनो बाद मेने बॉउंसिंग भी स्टार्ट की।।पुरे 5 महीने हो गए।
एक और बात की मेने 5 दिन पहले।ही “आरएसएस” (राष्टीय सेवा संघ)जहाँ 10 से 12 लोग आते है पुरे एक घंटे का सेशन होता है जिसमे कसरत करते,अलग अलग आवाज़ निकालते है… काफी मज़ा आता है।।अभी में प्राणायाम,आरएसएस,टेक्नीक,कंटिन्यू चालू है।जिस में कतराता हु उनसे बात करना शुरू कर दिया है।..जहाँ पहले।जाने में डरता था अब वहा भी जाता हु।….महत्तवपूर्ण बात की अब
में डेली 5 से 6 अनजान लोगो से बात करता हु विथ तकनीक के साथ।।।तो कभी कभी हकला भी जाता हु।।।
आपका प्रिय
रावल अक्षय

Post Author: Ravi Jagga

3 thoughts on “हकलाओ मगर प्यार से।।।

    Amitsingh Kushwaha

    (January 25, 2017 - 9:54 pm)

    Akshay ji, Badhai ho. Bahut acha prayas hai aapaka. Jari rakhe.

    Sachin

    (January 26, 2017 - 9:36 am)

    वाह वाह… दिल खुश हो गया आपके अनुभव पढ़ कर..
    जंग जारी रखिये!

    akshay rawal

    (January 26, 2017 - 10:35 am)

    धन्येवाद,,सचिन सर और अमित जी।आपके यह सन्देश मेरे लिए पेरणा है।और ढीक कहा सचिन सर अपने।जंग जारी ही रखूँगा।।पका।।।

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