आर्यन, एक मामूली परिवार का लड़का था, जिसकी जिंदगी दो चीजों के इर्द-गिर्द घूमती थी – किताबें और हकलाहट। पुस्तकों के पन्नों में उसे वो दुनिया मिलती थी, जहां शब्दों को बोलने की जरूरत नहीं थी, लेकिन असल जिंदगी में हकलाहट उसकी आवाज को अटका देती थी।
अनिका, शहर के नामचीन बिजनेसमैन की बेटी थी। खूबसूरत, पढ़ी-लिखी और मिलनसार, वह सब कुछ थी जो आर्यन नहीं हो सका। एक कला प्रदर्शनी में उनकी मुलाकात हुई। आर्यन, दूर से ही अनिका को निहार रहा था, उसकी खूबसूरती से मंत्रमुग्ध। अचानक, अनिका ने आर्यन से उसकी पसंदीदा किताब के बारे में पूछ लिया। घबराहट के मारे आर्यन कुछ भी नहीं बोल पाया। अनिका ने उसकी घबराहट को भांप लिया और धीरे से कहा, “कोई बात नहीं, शायद आप बाद में मुझे बता पाएंगे।”
उस दिन आर्यन को लगा कि अनिका की आँखों में सहानुभूति के साथ-साथ समझदारी भी झलक रही थी। अगले कुछ दिनों में, सोशल मीडिया पर उनके बीच बातचीत शुरू हुई। आर्यन, ऑनलाइन चैट के सहारे, धीरे-धीरे अनिका से खुलने लगा। वह उसे किताबों, फिल्मों और अपनी जिंदगी के बारे में लिखता था। अनिका को उसकी ईमानदारी और संवेदनशीलता पसंद आई।
एक दिन, अनिका ने आर्यन को कॉफी पर मिलने का सुझाव दिया। आर्यन घबरा गया, लेकिन उसने जाने का फैसला किया। कैफे में जब अनिका ने उसे देखा, तो उसके चेहरे पर एक गर्मजोशी भरी मुस्कान थी। बातचीत के दौरान, आर्यन हकलाता रहा, लेकिन अनिका ने उसे बिलकुल बाधित नहीं किया। उसने धैर्यपूर्वक उसकी बात सुनी और उसे प्रोत्साहित किया।
उस मुलाकात के बाद, उनकी मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया। वे घंटों बातें करते, कला प्रदर्शनियों और किताब की दुकानों पर जाते। अनिका को आर्यन की विचारधारा, उसकी गहराई पसंद आई। उसने कभी भी उसकी हकलाहट पर ध्यान नहीं दिया। बल्कि, उसने उसे अपनी आवाज को पूरी तरह से व्यक्त करने का आत्मविश्वास दिया।
एक दिन, पार्क में टहलते हुए, आर्यन ने अनिका से अपने प्यार का इज़हार कर दिया। शब्दों में तो अटक गया, लेकिन उसकी आँखों में अनंत प्रेम था। अनिका ने उसके गाल पर एक प्यारा सा चुंबन दिया और कहा, “मुझे तुमसे तुम्हारी हकलाहट से भी ज्यादा प्यार है।”
उनकी प्रेम कहानी आसान नहीं थी। समाज के बनाए बंधनों और परिवार के विरोधों को पार करना एक कठिन चढ़ाई थी। लेकिन, उनके प्यार की ताकत इतनी मजबूत थी कि उन्होंने हर चुनौती का सामना किया। आखिरकार, दोनों परिवारों को उनकी निष्ठा और प्रेम के आगे झुकना पड़ा।
आज, आर्यन एक लेखक हैं और अनिका उनकी सबसे बड़ी समर्थक हैं। आर्यन की किताबें हकलाने वाले लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनकी कहानी यही बताती है कि सच्चा प्यार किसी भी तरह की बाधाओं को नहीं मानता, बल्कि उन्हें पार कर लेता है।